पलामू। झारखंड के पलामू में अब हालात सुधरते जा रहे हैं। दरअसल 4 दिन पहले हुए दंगों के बाद राज्य में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। वहीं पलामू और पाकी में धारा 144 लागू कर दी गई थी। पूरे 4 दिन बाद पलामू में इंटरनेट सेवाएं बहाल हुई है। लेकिन पांकी में धारा-144 लागू की गई है। बता दें कि राज्य में हुई हिंसा के बाद 19 फरवरी सुबह 10 बजे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद की गई थी।
यह था पुरा मामला
दरअसल झारखंड के पलामू और देवघर में महाशिवरात्रि के दौरान तोरण द्वार लगाने को लेकर हिंसा का मामला सामने आया था। बता दें कि पांकी के राहेवीर पहाड़ी पर स्थित मंदिर में हर साल महाशिवरात्रि पर विशेष आयोजन किया जाता है। वहीं शिवजी की बारात निकालने से पहले तोरण द्वार लगाए जाने की तैयारियां चल रही थी। इसके लिए कुछ मजदूर बांस की बल्लियां, कपड़ा और सामान लेकर मस्जिद चौक पर पहुंच गए। लेकिन जैसे ही मजदूर तोरण द्वार लगाने लगे तो एक समुदाय की ओर से उन्हें रोक दिया गया। इसके बाद मजदूर वापस लौट गए। लेकिन बुधवार को कुछ लोग फिर से तोरण द्वार लगाने के लिए पहुंच गए। इसी बीच दोनों समुदायों के बीच बहस हो गई। देखते ही देखते यह बहस आपसी झड़प के बाद हिंसा में बदल गई।
राज्य में इंटरनेट सेवाएं हुई बाधित
यह मामला इतना बढ़ गया था कि उपद्रवियों ने 4 घर, 3 छोटी दुकानें और 1 कार में आग लगा दी। वहीं 4 गाड़ियों में तोड़फोड़ भी कर दी। इस घटना में लेस्लीगंज एसडीपीओ आलोक कुमार टूटी और पांकी इंस्पेक्टर अरुण महथा सहित 8 लोगों को चोटें आयी। इस मामले के बाद राज्य प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी गई। वहीं राज्य में अगले दो दिनों के लिए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था।
मामले में 13 लोग हुए गिरफ्तार
इस मामले को लेकर पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें पांकी पश्चिम पंचायत के पूर्व मुखिया नेहल खान भी शामिल हैं। इस घटना के बाद क्षेत्र में डर और तनाव की स्थिति बनी हुई था। वहीं हिंसा में घायल हुए लोगों में 5 पुलिसकर्मी भी शामिल थे।