मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी NCP के अध्यक्ष पद से शरद पवार ने इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद पार्टी का मुखिया कौन होगा इसे लेकर महाराष्ट्र की राजनीति इस समय उबाल पर है। इधर शरद पवार के फैसले पर भी सभी की नजर बनी हुई है। इन सबके बीच में बीजेपी कई दावे कर रही है। बीजेपी ने इतना तक कह दिया है कि अब महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ बड़ा बदलाव होने वाला है।
2-3 दिन में वापस फैसला सुनाएंगे शरद पवार
पवार के इस्तीफे के बाद अब उनकी ही पार्टी के कार्यकर्ता और नेता उन्हें मनाने में लगे हुए हैं। कई नेताओं, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों ने शरद पवार को इस्तीफा वापस लेने को भी कहा है। वे लगातार शरद पवार से ये फैसला वापस लेने की अपील कर रहे हैं। कार्यकर्ता और नेताओं की इस मांग को लेकर शरद पवार ने अब अपने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए 2 से 3 दिन का समय मांगा है। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद शरद पवार अपने फैसले को पलट सकते हैं, इस्तीफा वापस ले सकते हैं।
नेताओं का कहना है कि अगर शरद पवार इस्तीफा देना ही चाहते हैं तो इस्तीफा ना देकर एनसीपी के अध्यक्ष बने रहें लेकिन पार्टी का एक कार्याध्यक्ष घोषित कर दें जो उनके निर्देश पर काम करता रहे।
अजित पवार को पार्टी में रखने के लिए दिया इस्तीफा!
पवार के इस्तीफे के बाद नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी ने अध्यक्ष के लिए 15 सदस्यों की एक समिति बनाई है। इस समिति की रिपोर्ट के मुताबिक ही एनसीपी का नया अध्यक्ष चुना जाएगा। हालांकि पहले ही कई बड़े नेता और एनसीपी के खुद के कार्यकर्ता यह कह चुके हैं कि अब तो सीधे अजित पवार के हाथों में एनसीपी की कमान सौंपी जाएगी। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि पिछले कुछ दिनों में अजित पवार के बदले बदले रुख से यह अंदेशा लगाया जाने लगा था कि अजित पवार बीजेपी के संपर्क में है। इसे लेकर ही शरद पवार ने खुद पार्टी से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद अब इस पार्टी का उत्तराधिकारी सीधे-सीधे अजीत पवार को माना जा रहा है।
सेफ खेल गए शरद पवार
कई राजनीतिक विश्लेषकों ने यह भी कहा है कि अजित पवार को पार्टी में बनाए रखने के लिए शरद पवार इस तरह से सेफ खेल गए हैं। क्योंकि अजित पवार विधायक दल के नेता है और 40 से ज्यादा विधायकों पर उनकी अच्छी पकड़ है। खबरें तो यह भी सामने आ रही थी कि अजित पवार एनसीपी से बाहर निकलने का रास्ता खोज ही चुके थे। उन्होंने अपने समर्थन के 40 विधायकों के साइन भी करवा लिए थे। जिसके बाद में एनसीपी से बाहर निकल सकते थे। अगर ऐसा होता तो एनसीपी टूट जाती। इस बचने के लिए ही शरद पवार ने खुद ही पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया जिससे अब अजित पवार एनसीपी के अध्यक्ष बन जाएंगे।
पवार की कम हो रही है पॉवर
इस पूरे मामले पर बीजेपी अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने यहां तक कह दिया कि बहुत दिनों से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच रही थी। कई तरह की स्थितियां अब बन रही हैं। कई लोगों ने यह भी बता दिया है कि बहुत जल्द ही यहां परिवर्तन होगा। हमें लगता है कि अब एनसीपी का अस्तित्व खतरे में आ गया है। शरद पवार की जो पॉवर है, वह कम होती जा रही है। अब राजनीति में कुछ बड़ा बदलाव होने वाला है।