गुजरात के सूरत में आज राहुल गांधी और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने महुआ में आदिवासियों को संबोधित किया। कार्यक्रम में कांग्रेस के विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी भी मौजूद रहे। आदिवासी प्रथा के मुताबिक राहुल गांधी के माथे पर गमझा बांधा गया। तो वहीं राहुल गांधी ने आदिवासियों की प्रथा के अनुसार तीर चलाकर इस सभा की शुरूआत की। जनसभा में मौजूद आदिवासियों को राहुल गांधी और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने संबोधित किया।
भारत जोड़ो यात्रा को कवरेज नहीं देती मीडिया
राहुल गांधी ने कहा कि 70 दिन से हम कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा को लेकर निकले हैं। हम करीब 2000 किमी चल चुके हैं लेकिन अभी 1500 किमी और चलना है। हमारे साथ लाखों लोग चल रहे हैं। इनमें दलित, पिछड़े, आदिवासी, बेरोजगार, गरीब, किसान सभी इस यात्रा में जुड़े हुए हैं। राहुल ने कहा कि मीडिया भारत जोड़ो यात्रा को कवरेज नहीं देती। लेकिन अगर आप वहां आकर देखेंगे तो आपको यह यात्रा एक नदी जैसी लगेगी। इस नदी में किसी तरह की कोई नफरत नहीं दिखेगी सिर्फ भाईचारा दिखेगा। यह सिर्फ दया-करूणा और प्रेम की यात्रा है। इस यात्रा में हर कोई आ जाता है। इस यात्रा में किसी को यह नहीं पूछा जाता कि उसकी जात क्या है धर्म क्या है हर कोई यहां आ जाता है।
आज देश में हर कोई दुखी है
राहुल गांधी ने कहा कि मुझे पैदल चलने की इतनी आदत हो चुकी है कि मैं तो यहां हैलीपेड से मंच तक भी पैदल चलकर आया हूं। राहुल ने कहा कि हमारे दो कार्यकर्ताओं की इस यात्रा के दौरान मौत हो गई। लेकिन हमने यात्रा नहीं रोकी। ये आपका प्यार और आशीर्वाद है जिससे यह यात्रा लगातार जारी है। राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान को जोड़ने का काम गुजरात ने किया था। महात्मा गांधी जो गुजराती थे उन्होंने इस भारत को एक किया था। यह भारत जोड़ो यात्रा गुजरात का इतिहास समेटे हुए हैं। राहुल ने कहा कि इस यात्रा में सुख भी है और दुख भी। इस यात्रा में भाईचारा है। लेकिन दुख तब होता है जब मैं किसानों से बात करता हूं, आदिवासियों से मिलता हूं, गरीबों से मिलता हूं, युवा बेरोजगारों से मिलता हूं। वे मुझसे अपनी व्यथा बताते हैं तो मुझे बहुत दुख होता है। राहुल ने कहा कि कल शाम को हमारी यात्रा में एक युवक आया था वह मुझसे गले लगकर रोने लगा। जब मैंने कारण पूछा को उसने कहा कि कोरोना में मेरा पूरा परिवार चला गया। अब मैं अकेला रह गया हूं, अस्पतालों में मैंने डॉक्टर्स के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाया, कि उन्हें बचा लें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब मैं बेरोजगार हूं।
भारत के असली मालिक हैं आदिवासी
राहुल गांधी ने अपने बचपन की एक बात का जिक्र करते हुए कहा कि जब मैं छोटा था तो मेरी दादी इंदिरा गांधी ने एक किताब मुझे दी थी, वह आदिवासियों के बारे में थी। वह एक आदिवासी बच्चे के बारे में थी। इसमें उनके रहन-सहन के बारे में बताया गया था। मेरी दादी इंदिरा गांधी ने बताया था राहुल, ये आदिवासियों की किताब है ये भारत के पहले और असली मालिक हैं। अगर तुम्हें भारत को समझना है तो तुम्हें आदिवासियों औऱ जल, जंगल, जमीन से उनका रिश्ता समझ लो। राहुल ने कहा कि आदिवासियों से उनका भारत छीन लिया गया है। लेकिन भाजपा कहती है कि आप आदिवासी नहीं आप वनवासी हो, यानी आप जंगल में रहते हो। भाजपा यह नहीं चाहती कि आप शहरों में रहो, अच्छी पढ़ाई करो, अंग्रेजी बोलो। वह हमेशा से यही चाहते हैं कि आप बस जंगलों में रहो। आपको कोई सुविधा न दी जाए।
आदिवासियों को मिले उनका जल, जंगल, जमीन
राहुल ने आगे कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो एक दिन यह मोदी सरकार इस देश को, आपकी जमीन को, आपके जगलों को 2-3 उद्योगपतियों को दे देगी। आपके हाथों से सब कुछ छीन लिया जाएगा। लेकिन मैं कहता हूं कि आप वनवासी नहीं हो आप आदिवासी हो। यह देश आपका है आपको आपका अधिकार जरूर मिलेगा। आपका जल, जगंल, जमीन आपको वापस मिले। इसके लिए कांग्रेस बिल भी लेकर आई थी। लेकिन भाजपा सरकार ने इस बिल को लागू नहीं किया। इन्होंने आपसे बस छीना है दिया कुछ भी नहीं। अब फैसला आपके हाथ में है कि आपको वनवासी बनाने वाली भाजपा चाहिए या आपको आपका जल, जगंल, जमीन वापस दिलाने वाली कांग्रेस चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि हम आपके लिए ही इस भारत जोड़ो यात्रा को निकाल रहे हैं। आप हमें इतना प्यार दे रहे हैं, इसलिए हम इतनी गर्मी औऱ धूप में आपके लिए यहां आए हैं।