विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय वायु सेना का एक विमान 47 यात्रियों को लेकर भारत पहुंचा है, जिससे ऑपरेशन कावेरी के तहत निकाले गए लोगों की संख्या 3862 हो गई है। विदेश मंत्री ने ट्वीट किया कि 47 यात्रियों को लेकर एक भारतीय वायु सेना सी 130 जे विमान भारत में उतरा है। इस आगमन के साथ ऑपरेशन कावेरी के माध्यम से सूडान से 3862 लोगों को निकाला गया है। विदेश मंत्री ने कहा कि यह प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के कारण है। संकटग्रस्त देश से लौटने के बाद विस्थापितों ने अपनी खुशी का इजहार किया।
भारत लौटे सलीम ने कहा, “मैं अपने रिश्तेदारों से मिलने गया था। मैं करीब 20 दिनों तक सूडान में फंसा रहा। जब मैंने वहां के दूतावास से संपर्क किया, तो उन्होंने बहुत अच्छी और जल्दी से मेरी सेवा की। इस बीच, मुंबई लौटे एक अन्य प्रवासी मुबारक ने कहा कि सूडान में भारतीय दूतावास ने उसकी बहुत मदद की। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास ने भोजन की व्यवस्था की और अपने कार्यालय में आश्रय दिया। दूतावास ने पोर्ट सूडान जाने के लिए बस सेवा भी दी।
संघर्षग्रस्त सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार द्वारा अपने महत्वाकांक्षी बचाव मिशन ऑपरेशन कावेरी को शुरू किए लगभग नौ दिन बीत चुके हैं। वाडी सैय्यदना सैन्य हवाई अड्डे से एक सहित 5 भारतीय नौसेना के जहाजों और 16 भारतीय वायु सेना के विमानों का उपयोग करके ऑपरेशन किया गया।
5 जहाजों और वायु सेना के 16 विमानों का इस्तेमाल
सूडान में भारतीय दूतावास के अनुसार ऑपरेशन कावेरी के तहत संघर्षग्रस्त सूडान से अब तक कुल 3862 भारतीयों को निकाला गया है। शुक्रवार को इस अभियान के 10 दिन पूरे हो गए। वहीं ऑपरेशन कावेरी समाप्त हो गया। ऑपरेशन कावेरी में भारतीय नौसेना के 5 जहाजों और वायु सेना के 16 विमानों का इस्तेमाल किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया कि गुरुवार को सऊदी अरब के जेद्दा से 16 भारतीयों का एक जत्था लखनऊ आया। इससे पूर्व एक अन्य विमान से 14 भारतीय जेद्दा से मुंबई रवाना हुए। पोर्ट सूडान से भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान से देर रात 192 यात्रियों का एक और जत्था अहमदाबाद पहुंचा।
सूडान में युद्धविराम की अवधि फिर बढ़ी, फायरिंग जारी
सूडान में युद्धविराम की अवधि 11 मई तक बढ़ाने पर फिर सहमति हो गई है, लेकिन कई हिस्सों में अब भी फायरिंग जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक संघर्ष में 528 नागरिकों की मौत हो चुकी है और 4,599 लोग घायल हो गए हैं। दोनों पक्षों की ओर से यह निर्णय नागरिकों और सहायता सामग्री के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद आया है। इस बीच, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन का आरोप लगाया। लोग पलायन को मजबूर हैं।