Nuh Haryana Violence: हरियाणा के नूंह (मेवात) में सोमवार को विश्व हिंदू परिषद की ब्रज मंडल यात्रा के दौरान भड़की हिंसा के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं जहां हिंसा में अब तक 6 लोगों ने जान गंवा दी है. वहीं हिंसा नूंह में जहां से हिंसा फैली वहां सोमवार से 2 दिन बीतने के बाद भी कर्फ्यू जारी है. हालांकि बुधवार को 2 घंटे की ढील दी गई है. इधर हिंसा के विरोध में बजरंग दल की ओर से बुधवार को देश भर में प्रदर्शन का आह्वान किया गया था जिसके बाद दिल्ली-यूपी के कई इलाकों में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
इधर नूंह हिंसा पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सरकार हर आदमी को सुरक्षा नहीं दे सकती है और इसके लिए हमें माहौल को ही सुधारना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की सुरक्षा ना पुलिस कर सकती है, ना ही सेना कर सकती है इसके लिए सामाजिक सद्भाव भी ठीक करना होगा.
खट्टर ने कहा कि आप किसी भी देश में आप चले जाएं हर आदमी की सुरक्षा वहां की पुलिस नहीं कर सकती है. इसके अलावा हरियाणा सीएम ने मोनू मानेसर को लेकर कहा कि उनके पास उसको लेकर कोई भी इनपुट नहीं है और उसकी गिरफ्तारी के लिए हमारी सरकार राजस्थान की मदद करने के लिए तैयार है.
मोनू मानेसर पर क्या बोले सीएम?
वहीं मोनू मानेसर की गिरफ्तारी को लेकर हरियाणा के सीएम ने कहा कि उसको लेकर हमारे पास अभी तक कोई इनपुट नहीं है और हम राजस्थान सरकार की मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोनू के खिलाफ पिछला केस राजस्थान में दर्ज किया गया है और राजस्थान पुलिस उसे लगातार ढूंढ रही है जिसमें हम भी मदद करेंगे.
उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास मोनू को लेकर कोई भी इनपुट नहीं है और राजस्थान पुलिस मामले में कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है. वहीं सीएम ने बताया कि हिंसा में शामिल लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
वहीं नूंह में हुई हिंसा के बाद आज सुप्रीम कोर्ट में भी एक अहम सुनवाई हुई जहां कोर्ट ने सरकार को सख्त टिप्पणी देकर कहा कि अगर राज्य सरकार को अतिरिक्त बल की जरूरत है तो मंगवा लीजिए लेकिन जनता के जान माल की हानि ना हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए. मालूम हो कि नूंह हिंसा के विरोध में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने बुधवार को दिल्ली-NCR के 23 इलाकों में रैली निकालने का ऐलान किया था जिन्हें ही रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी.