बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे (Bangalore-mysore expressway) राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। इसके साथ ही अब बेंगलुरु से मैसूर पहुंचने में मात्र 75 मिनट लगेंगे। पहले बेंगलुरु से मैसूर पहुंचने में तीन घंटे लगते थे। रविवार दोपहर पीएम मोदी ने बेंगलुरु और मैसूर को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि दोनों शहरों के बीच यात्रा करने वाले लोगों को पहले जाम की समस्या का सामना करना पड़ा था। काफी लंबे समय से लोगों को इस रूट पर भारी ट्रैफिक की शिकायत थी। लेकिन, अब एक्सप्रेस-वे शुरू होने से बेंगलुरु और मैसूरु के बीच यात्रा का समय तीन घंटे से घटकर 75 मिनट हो गया है। इससे लोगों को काफी हद तक ट्रैफिक की समस्या से निजात मिलेगी और समय की भी बचत होगी।
जानें-बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे की खूबियां?
- बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे एक 10 लेन का एक्सेस-कंट्रोल हाईवे है।
- 118 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे को बनाने में 8480 करोड़ रुपए की लागत आई है।
- एक्सप्रेस-वे 6 लेन में बनाया गया है और हाईवे किनारे एक 52 किमी ग्रीन फील्ड है।
- एक्सप्रेस-वे पर कार और जीप का एक तरफ टोल शुल्क 135 रुपए लगेगा। आने-जाने के लिए 205 रुपए देने होंगे।
- मासिक पास के लिए 4,525 रुपए प्रस्तावित किया है। लेकिन, एक माह में 50 बार ही आ-जा सकते हैं।
- ट्रैफिक से बचने के लिए बिदादी, रामनगर-चन्नापटना, मद्दुर, मांड्या और श्रीरंगपटना के पास 5 बाईपास बनाए गए हैं।
- बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे परियोजना में NH-275 के बेंगलुरु-निदाघट्टा-मैसूर खंड को छह लेन का बनाना शामिल है।
- एक्सप्रेस-वे पर 9 बड़े पुल, 42 छोटे पुल, 64 अंडरपास, 11 ओवरपास और चार रेल ओवरब्रिज हैं।
- बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे परियोजना एक खास परियोजना है, जो कर्नाटक के विकास में योगदान देगी।
- यह परियोजना श्रीरंगपटना, कूर्ग, ऊटी और केरल जैसे क्षेत्रों तक पहुंचने और कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए काम करेगी।