ED Arrested Sanjay Singh: शराब घोटाला मामले में पूछताछ के बाद ईडी ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार सुबह से ही संजय सिंह के आवास पर ईडी की छापेमारी चल रही थी। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया पहले से ही शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। इसे लेकर आम आदमी पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है।
आज रात ईडी लॉकअप में ही रहेंगे संजय सिंह
संजय सिंह की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता उनके आवास पर जुट गये। संजय सिंह को ईडी दफ्तर ले जाया गया है। कहा जा रहा है कि वह आज रात ईडी लॉकअप में रहेंगे। मेडिकल जांच के बाद गुरुवार सुबह उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
मोदी जी बूरी तरह चुनाव हार रहे
संजय सिंह ने गिरफ्तार होने के बाद एक वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा कि आज अचानक ईडी मेरे घर पहुंची। दिनभर छापेमारी की, लेकिन कुछ नहीं निकला। संजय सिंह ने कहा कि जबरन मेरी गिरफ्तारी की जा रही है, लेकिन हम लोग आम आदमी पार्टी के सिपाही हैं। हम मोदीजी से कहना चाहते हैं कि आप बुरी तरह से चुनाव हार रहे हैं। ये आपकी हताशा और हार का संकेत है।
मरना मंजूर है, डरना मंजूर नहीं है
आगे उन्होंने कहा कि जब -जब जुल्म बढ़ता है, तब-तब उसके खिलाफ जनता की आवाज बुलंद होती है। संजय सिंह ने कहा कि मरना मंजूर है, डरना मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले भी इस बारे में बोलता रहा हूं, आगे भी बोलता रहूंगा। वहीं, संजय सिंह की मां ने कहा कि मेरा बेटा निर्दोष है। वह सच के लिए लड़ता रहा है। उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है। मैं उम्मीद करती हूं कि वह जल्द ही मेरे पास आ जाए।
उत्पाद शुल्क नीति मामले में कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार सुबह आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के आवास पर छापा मारा। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर भी छापेमारी की गयी. ईडी ने इस मामले में पहले उनके स्टाफ सदस्यों और उनसे जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ की थी।
आप का आरोप से इनकार
आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति ने गुटबाजी को बढ़ावा दिया और कुछ डीलरों को फायदा पहुंचाया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। आप ने इस आरोप से इनकार किया है। दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश के बाद इस नीति को रद्द कर दिया गया था।