दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को आज राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। जहां ईडी ने जांच के दौरान मिली कई जानकारियों को कोर्ट के सामने रखा। दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है जानकारी है कि कुछ देर में ही फैसला सुना दिया जाएगा।
7 दिन की रिमांड ली थी…उसमें क्या किया?
ED की तरफ से पेश वकील ने सिसोदिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए रिमांड बढ़ाने की मांग की है। ईडी ने कहा कि उन्हें मनीष सिसोदिया की 7 दिनों की रिमांड और चाहिए क्योंकि उन्होंने अपना फोन नष्ट कर दिया है। जिससे हमें जानकारी नहीं मिल पा रही, इसलिए उनसे पूछताछ जरूरी है। तो इधर सिसोदिया के वकील ने कहा कि जो भी तथ्य मिले हैं वह सीबीआई ने भी दे दिए हैं। सिर्फ रिमांड बढ़ाने के लिए ही आप ऐसा कर रहे हैं। पिछली बार 7 दिनों की रिमांड मांगी थी, उसमें सिर्फ 11 घंटे की जांच हुई। सीबीआई ने 4 घंटे पूछताछ की।
सिर्फ पूछताछ ही जांच होती है क्या ?
सिसोदिया के वकील ने कहा कि क्या 4 घंटे सामने बिठाकर पूछताछ करना ही जांच होता है। जांच में और कोई चीज नहीं होती क्या ? अब इनको रिमांड क्यों चाहिए। अब तक की जांच में उन्होंने क्या-क्या किया, वह कोर्ट के सामने क्यों नहीं पेश करते ?
इस पर कोर्ट ने ईडी से पूछा कि मनीष सिसोदिया के अलावा क्या आपने किसी को हिरासत में लिया है?
बता दें कि सिसोदिया जिस फोन को लंबे समय से इस्तेमाल कर रहे थे, उसे जुलाई 2022 को बदल दिया गया था। यह बात उस समय की है जब दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी।
सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ FIR हुई थी दर्ज
इस मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ CBI ने FIR दर्ज की थी। इनमें आबकारी अधिकारी, शराब डीलर्स, शराब कंपनियों के अधिकारियों, अज्ञात लोकसेवकों और निजी व्यक्तियों पर भी मामले में मामला दर्ज किया गया था। ये मामले धारा 120-B, 477-A और सेक्शन 7 के तहत मामले दर्ज किए गए। बता दें कि इन आरोपियों में आबकारी आयुक्त अरवा गोपी भी शामिल हैं।