India Alliance meeting in Delhi: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हराने के मकसद से बने विपक्षी गठबंधन के नेताओं की चौथी बैठक मंगलवार को दिल्ली में हुई। इस बैठक में इंडिया अलायंस की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आगे बढ़ाया गया। सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम चेहरे के लिए खड़गे का नाम प्रस्तावित किया। आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ममता के प्रस्ताव का समर्थन किया।
खड़गे ने पीएम उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया
हालांकि, मल्लिकार्जुन खड़गे ने विनम्रतापूर्वक इंडिया अलायंस का चेहरा बनने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ वंचितों के लिए काम करना चाहते हैं। खड़गे ने कहा कि पहले वह चुनाव जीतेंगे और फिर पीएम उम्मीदवार तय करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, दलित चेहरा होने की वजह से खड़गे का नाम पीएम उम्मीदवार के लिए आगे बढ़ाया गया है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, खड़गे के नाम पर अभी तक अंतिम सहमति नहीं बन पाई है।
सीट बंटवारे के लिए 31 दिसंबर की डेडलाइन
इसके साथ ही इंडिया अलायंस की बैठक में सीट शेयरिंग फॉर्मूला, गठबंधन के संयोजक, चुनावी एजेंडा और चुनाव प्रबंधन समेत चुनावी मुद्दों पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, आज की बैठक में सीट बंटवारे को लेकर विस्तृत चर्चा हुई, लेकिन कुछ फाइनल नहीं हो सका है। सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी समेत इंडिया अलायंस की कई पार्टियों ने सीट शेयरिंग के लिए 31 दिसंबर तक की डेडलाइन तय की है।
खड़गे ने बैठक की जानकारी दी
इंडिया अलायंस की बैठक खत्म होने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि चौथी बैठक में 28 दलों ने हिस्सा लिया। नेताओं ने गठबंधन के समक्ष अपनी बातें रखीं। जनता के हित में सबको मिलकर कैसे काम करना चाहिए या जो भी मुद्दा हो उसे शुरू से उठाना चाहिए, इस पर चर्चा हुई।
22 दिसंबर को देशभर में विरोध
खड़गे ने कहा कि बीजेपी सरकार में देश की संसद से सांसदों को निलंबित किया जा रहा है। यह अलोकतांत्रिक है। इसके लिए सभी को मिलकर संघर्ष करना होगा। जिसके लिए हम तैयार हैं। 22 दिसंबर को देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। हालांकि, खड़गे ने पीएम उम्मीदवार के तौर पर अपने नाम के प्रस्ताव पर कोई बयान नहीं दिया।
बैठक में इन पांच मुद्दों पर चर्चा हुई
- सीट शेयरिंग फॉर्मूला फाइनल करना।
- कोऑर्डिनेटर कौन होगा?
- वैकल्पिक एजेंडा और मुद्दे क्या होंगे?
- चुनाव अभियान की ब्रांडिंग कैसे होगी, इसके लिए किन एजेंसियों की मदद ली जा सकती है।
- सदन से सांसदों के निलंबन पर चर्चा की गई।