जयपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागत फिर अपने एक बयान को लेकर चर्चा में आ गए है। मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम के दौरान देशवासियों से इंडिया की जगह भारत शब्द इस्तेमाल करने की बात कही है। इस पीछे भागवत ने तर्क दिया कि इस देश का नाम सदियों से भारत रहा है इस लिए हमें देश को भारत कहना चाहिए इंडिया नहीं।
हमारा देश भारत है- मोहन भागवत
जैन समाज के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सर संघ प्रमुख ने कहा, ‘हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही रहा है। भाषा कोई भी हो, नाम वही रहता है। भागवत ने कहा, ‘हमारा देश भारत है और हमें सभी व्यावहारिक क्षेत्रों में इंडिया शब्द का इस्तेमाल बंद कर भारत शब्द का इस्तेमाल शुरू करना होगा, तभी बदलाव आएगा. हमें अपने देश को भारत कहना होगा और दूसरों को भी यही समझाना होगा।
भारत में रहने वाला हर व्यक्ति ‘हिन्दू’ है
इससे एक दिन पहले 1 सितंबर शुक्रवार को मोहन भागवत ने कहा था कि भारत एक ‘हिंदू राष्ट्र’ है और सभी भारतीय हिंदू हैं और सभी भारतीय हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। भागवत ने लोगों की अपेक्षाओं का जिक्र करते हुए कहा कि संघ को इन सबके बारे में सोचना चाहिए।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि ‘हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है और ये सच्चाई है। वैचारिक रूप से, सभी भारतीय हिंदू हैं और हिंदू का अर्थ है सभी भारतीय। जो लोग आज भारत में हैं वे सभी हिंदू संस्कृति, हिंदू पूर्वजों और हिंदू भूमि से संबंधित हैं, इससे अधिक कुछ नहीं।
‘हमारी विचारधारा’ की पूरी दुनिया में बहुत मांग
भागवत ने कहा, ‘कुछ लोग इसे समझ गए हैं, जबकि कुछ अपनी आदतों और स्वार्थ के कारण समझने के बाद भी इस पर अमल नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ लोग इसे या तो अभी तक समझ नहीं पाए हैं या भूल गए हैं। भागवत ने कहा कि ‘हमारी विचारधारा’ की पूरी दुनिया में बहुत मांग है। उन्होंने कहा कि वास्तव में इस विचारधारा का कोई विकल्प नहीं है।