Mumbai I.N.D.I.A. Meeting: मुंबई में चल रही इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल अलायंस (INDIA) की दो दिवसीय मीटिंग के अंतिम दिन शुक्रवार को भी 28 दलों के नेता शामिल हुए। इस दौरान ‘INDIA’ अलायंस ने को-ऑर्डिनेशन कमेटी का ऐलान किया। हालांकि, गठबंधन का लोगो लॉन्च नहीं किया जा सका। क्योंकि 28 दलों के नेताओं में अभी लोगो पर सहमति नहीं बन पाई। माना जा रहा है कि अब इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में लोगो लॉन्च होगा।
वहीं, इंडिया अलायंस की मीटिंग के दौरान शुक्रवार को उस वक्त हंगामा हो गया, जब कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने अचानक पहुंच गए। ग्रैंड हयात होटल में बैठक चल रही थी। तभी कपिल सिब्बल की एंट्री से कांग्रेसी नाराज हो गए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने उद्धव ठाकरे से इसकी शिकायत की। तभी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने हालात संभाला। हालांकि, इसके बाद इंडिया अलायंस के सभी नेता एक साथ मंच पर मौजूद नजर आए।
इंडिया अलायंस की को-ऑर्डिनेशन कमेटी में 13 नेता शामिल
इंडिया अलायंस की 13 सदस्यीय को-ऑर्डिनेशन कमेटी में केसी वेणुगोपाल, संजय राउत, शरद पवार, हेमंत सोरेन, एमके स्टालिन, उमर अब्दुल्ला, ललन सिंह, तेजस्वी यादव, महबूबा मुफ्ती, डी राजा, अभिषेक बनर्जी और राघव चड्ढा को शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि आज विपक्षी गठबंधन के संयोजक के नाम से सस्पेंस खत्म हो सकता है।
विपक्ष का प्रस्ताव हुआ पारित
मीटिंग के दौरान इंडिया अलायंस ने प्रस्ताव पारित किया। इसमें उन्होंने कहा कि हम इंडिया की पार्टियां, आगामी लोकसभा चुनाव जहां तक संभव हो मिलकर लड़ने का संकल्प लेते हैं। विभिन्न राज्यों में सीट-बंटवारे की व्यवस्था तुरंत शुरू की जाएगी। वहीं, मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जैसे-जैसे इंडिया गठबंधन मजबूत होगा, वैसे-वैसे उसके सदस्यों पर छापे और गिरफ्तारियां भी बढ़ेंगी।
पहले दिन इन मुद्दों पर हुआ था मंथन
इससे पहले गुरुवार को मीटिंग के पहले दिन 5 मुद्दों पर चर्चा हुई थी। साथ ही नेताओं ने कहा था कि वे देश व संविधान को बचाने के लिए साथ आए हैं। मीटिंग में चर्चा की गई थी कि बीजेपी जल्दबाजी यानी किसी भी वक्त चुनाव का ऐलान करवा सकती है। बीजेपी को काउंटर करने के लिए सही दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
बैठक में समन्वय समिति और अन्य ग्रुप बनाने की जरूरत पर जोर दिया गया था। बीजेपी अगर गठबंधन में बाधा डालती है तो इससे कैसे निपटा जाएं, इस पर रणनीति बनाई गई। साथ ही इस बात पर भी चर्चा की गई थी कि प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित करने की जरूरत नहीं है।
ये खबर भी पढ़ें:-‘एक देश एक चुनाव’ फॉर्मूला भारत के लिए नया नहीं, 4 बार इसी पैटर्न पर डले वोट, जानें- कब लगा था ब्रेक