आज I2U2 के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि जल, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, परिवहन, स्वास्थ्य और स्पेस के लिए 6 अहम क्षेत्रों में साझा निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज के इस पहले सम्मेलन में ही I2U2 ने एक सकारात्मक एजेंडा स्थापित कर लिया है। हमने कई क्षेत्रों में संयुक्त परिजोयनाओं की पहचान की है और उसमें आगे का रोडमैप भी बनाया है।
‘कॉपरेटिव फ्रेमवर्क व्यावहारिक सहयोग का एक अच्छा मॉडल’
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इस दौर में वैश्विक अनिश्चितताएं बढ़ रही हैं। इसके बावजूद हमारा ये कॉपरेटिव फ्रेमवर्क व्यवहारिक सहयोग का एक अच्छा मॉडल है। उन्होंने आगे कहा कि I2U2 से हम ( इंडिया, इजरायल, अमेरिका और UAE ) वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा औऱ आर्थिक विकास के लिए अहम योगदान देंगे।
यूक्रेन पर रूस के हमले ने बाजार के हालातों को किया बदतर- अमेरिका
I2U2 सम्मेलन में हिस्सा ले रहे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि आज हम जिन बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनमें जलवायु संकट या बढ़ती खाद्य असुरक्षा शामिल है। बाइडेन ने आगे कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस ने जो हमला किया है उसने पहले से ही अस्थिर बाजार को और ज्यादा बदतर कर दिया है।
निजी बाजार को भागीदार बनाना हमारा लक्ष्य- इजरायल
इजरायल के प्रधानमंत्री यायर लापिड ने कहा कि 4 अलग-अलग देश होने के बावजूद यह साफ है कि सभी एक ही चाहते हैं, जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास, बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा, पर्यावरण। इसलिए हमारा लक्ष्य निजी बाजार को भागीदार बनाने का है।
क्या है I2U2 ?
4 देशों इजरायल, भारत, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के अंग्रेजी शब्द के पहले अक्षरों को मिलाकर I2U2 नाम बना है। आज इसके समूह देशों का पहला शिखर सम्मेलन हुआ था। इस समूह की परिकल्पना पिछले साल 18 अक्टूबर को हुई थी। इन देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक में यह कॉन्सेप्ट लिया गया था। इन चारों देशों का लक्ष्य व्यवहारिक, आर्थिक, सामाजिक, रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाना है।