Heat wave : नई दिल्ली। विश्व के 65 देशों में व्याप्त पृथ्वी की 13 प्रतिशत सतह पर अगस्त महीने के दौरान रिकॉर्ड अधिकतम तापमान महसूस किया गया, जबकि बाकी देशों में भी वर्ष 1951 से 1980 के औसत के मुकाबले अगस्त 2023 में काफी अधिक तापमान दर्ज किया गया।
अमेरिका स्थित एक स्वतंत्र गैर-लाभकारी संगठन द्वारा किए गए एक नए विश्लेषण पर आधारित रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। पर्यावरण डाटा विज्ञान और विश्लेषण पर केंद्रित ‘बर्कले अर्थ’ ने कहा कि वर्ष 1880 में जब से रिकॉर्ड रखने की शुरुआत हुई है, तब से पिछला महीना अब तक का सबसे गर्म अगस्त के रूप में दर्ज किया गया।
इस दौरान भारत के कुछ हिस्सों, जापान, उत्तरी अटलांटिक, पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत, उत्तरी दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका और अफ्रीका के कुछ हिस्सों और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में विशेष तौर पर काफी गर्मी महसूस की गई।
174 साल में सबसे गर्म
अमेरिका की सरकारी एजेंसी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा कि 2023 में 174 साल के जलवायु रिकॉर्ड में पृथ्वी पर सबसे गर्म अगस्त महीना महसूस किया गया। एनओएए के राष्ट्रीय पर्यावरण सूचना केंद्र ने कहा कि अगस्त महीने में उत्तरी गोलार्ध की सबसे गर्म मौसम संबंधी गर्मी और दक्षिणी गोलार्ध की सबसे गर्म मौसम संबंधी सर्दी दर्ज की गई। ‘बर्कले अर्थ’ ने कहा कि अगस्त 2023 का अधिकतम तापमान अगस्त 2016 के पिछले रिकॉर्ड से 0.31 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा जो आश्चर्यजनक रूप से एक बड़ा अंतर है।
इन देशों में रहा रिकॉर्ड सबसे अधिक तापमान
शोधकर्ताओ ने कहा, हमारा आंकलन है कि धरती की 13 फीसदी सतह पर औसतन स्थानीय रूप से अगस्त माह सबसे अधिक गर्म दर्ज किया गया। धरती की बाकी 87 फीसदी सतह वर्ष 1951 से 1980 के बीच के औसत स्थानीय ताप के मुकाबले काफी अधिक गर्म रही। कुल मिलाकर, 65 देशों में सबसे गर्म अगस्त रिकॉर्ड किया गया।
इन देशों में बहरीन, बारबाडोस, ब्राजील, कं बोडिया, कै मरून, चाड, चीन, कोलंबिया, क्यूबा, ईरान, इराक, जापान, केन्या, मैक्सिको, मोरक्को, नाइजर, पनामा, पेरू, फिलीपीन, कतर, रूस, रवांडा, सऊदी अरब, श्रीलंका, सूडान, सूरीनाम, तुर्किये, वेनेजुएला, श्रीलंका और यमन शामिल हैं।
कुछ देशों में टूटे कई रिकॉर्ड
इनमें से कुछ देशों ने असाधारण अंतर से अपने अगस्त माह में गर्मी के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। विश्लेषण से पता चला कि इक्वाडोर (मजबूत अल नीनो के करीब) में अगस्त का औसत तापमान रिकॉर्ड 1.4 डिग्री सेल्सियस से अधिक के साथ टूट गया। अल-नीनो महासगार से संबंधित एक भौगोलिक परिघटना है जो तापमान और बारिश को प्रभावित करती है। अल-नीनो स्थिति पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में पानी के असामान्य रूप से गर्म होने की अवधि से संबंधित है और जून की शुरुआत में एनओएए द्वारा आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा की गई थी।
प्रति दशक 0.19 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है
मानव जनित वैश्विक ताप में बढ़ोतरी पृथ्वी के तापमान को प्रति दशक लगभग 0.19 डिग्री सेल्सियस बढ़ा रही है। यह वायुमंडल में अतिरिक्त ग्रीनहाउस गैसों, विशेषकर कार्बन डाइऑक्साइड के संचय का प्रत्यक्ष परिणाम है। ‘बर्कले अर्थ’ ने कहा कि यह दीर्घकालिक लिहाज से तापमान में बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार प्राथमिक कारक है।
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