जयपुर। सीकर की कविता यादव का दिल वायुसेना की मदद से जयपुर से दिल्ली पहुंचाया गया, जहां पर अब वह ट्रांसप्लांट के बाद 19 वर्षीय युवती के शरीर में धड़क रहा है। हालांकि, कविता खुद तो इस दुनिया से चली गई, लेकिन वह फरिश्ता बन तीन लोगों को जिंदगी दे गई। ब्रेनडेड कविता के परिजनों ने अंगदान की सहमति दी, जिस पर उसकी दो किडनी का सवाई मानसिंह अस्पताल में सफल ट्रांसप्लांट कर दो लोगों को जीवनदान दिया गया। वहीं, हार्ट आर्मी हॉस्पिटल, दिल्ली में ट्रांसप्लांट कर 19 वर्षीय युवती की जान बचाई गई।
आर्मी हॉस्पिटल की टीम आई थी हार्ट लेने
आर्मी हॉस्पिटल की एक मेडिकल टीम वायुसेना के विशेष विमान से जयपुर पहुंची। यहां पर दान किए गए कविता के हार्ट को विमान से लेकर दिल्ली पहुंची। इसके बाद वायु सेना के पश्चिमी वायु कमान मुख्यालय ने अपनेट्विटर पेज पर इस मिशन की तस्वीर को भी शेयर किया। वहीं, उन्हें एसएमएस हॉस्पिटल से जयपुर एयरपोर्ट तक निर्बाध पहुंचने में ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मदद की। इसके बाद ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू हुई और कविता का दिल फिर से दिल्ली में धड़कना शुरू हो गया। वहीं, एक किडनी बेंगलुरु निवासी 47 वर्षीय उर्मिला को, तो दूसरी किडनी जयपुर निवासी 22 वर्षीय पराग को लगाई गई।
ब्रेन हेमरेज के कारण हुई थी भर्ती
सवाईपुरा पलसाना रेवासा (सीकर) की कविता यादव सीकर में एएनएम थी। 21 मई को घर पर ही काम करते समय वह बेहोश होकर गिर गई थी। जहां से उन्हें सीकर के एसके अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां से जयपुर केनिजी अस्पताल में लाया गया, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो इसी दिन शाम को एसएमएस अस्पताल भेज दिया गया। चार दिन अस्पताल में रहने के बाद जब कविता को चिकित्सकों ने ब्रेन डेड घोषित किया।
इसके बाद इनके परिजनों पति छोटेलाल व परिवार के अन्य सदस्यों से ऑर्गन ट्रांसप्लांट से जुड़ी संस्था ‘सोटो’ से जुड़े डाॅ. देवेन्द्र पुरोहित, डॉ. सुधीर भंडारी, डॉ.अमरजीत मेहता, डॉ. मनीष शर्मा, डॉ. अजीत सिंह, वी रोशन बहादुर ने गुजारिश की तो उन्होंने अंगदान के लिए सहमति दी। किडनी ट्रांसप्लांट करनेमें एसएमएस अस्पताल के डॉ. शिवम प्रियदर्शी, डॉ. नचिकेत व्यास, डॉ. नीरज अग्रवाल और वर्षा कोठारी, डॉ. इंदुवर्मा आदि शामिल रहे।