फ्री मेडिकल हेल्प…फ्री वेटिंग हॉल, ट्रेन टिकट खरीदते ही मिल जाते हैं खास अधिकार, जानें इनके बारें में

ट्रेन से सफर करने का अपना ही मजा है, लेकिन कभी-कभी इस सफर में कुछ परेशानियां भी आ जाती हैं। ये समस्याएं तब कम हो सकती हैं जब आपको अपने अधिकारों और रेलवे में मिलने वाली सुविधाओं की पूरी जानकारी हो।

ashok gehlot 64 | Sach Bedhadak

Your Rights in Train Travel: ट्रेन से सफर करने का अपना ही मजा है, लेकिन कभी-कभी इस सफर में कुछ परेशानियां भी आ जाती हैं। ये समस्याएं तब कम हो सकती हैं जब आपको अपने अधिकारों और रेलवे में मिलने वाली सुविधाओं की पूरी जानकारी हो। ऐसे कई अधिकार हैं, जिनके बारे में कई लोगों को जानकारी भी नहीं होती है। तो आइये जानते हैं कुछ अधिकारों के बारें में…

कुछ और खास बातें

  • रेलवे द्वारा “नो बिल – नो पेमेंट” की नीति लागू हैं। उपरोक्त नीति के तहत विक्रेताओं द्वारा ग्राहकों को बिल देना अनिवार्य हैं। ट्रेन अथवा रेलवे प्लेटफार्म पर यदि कोई विक्रेता आपको बिल देने से इंकार करता है तो आप को उसे बिना पैसे दिये मुफ्त में उपरोक्त सामान ले सकते हैं।
  • अगर आपको जल्दबाजी में कहीं जाना हो और टिकट बुक न हो पाए तो सिर्फ प्लैटफॉर्म टिकट के साथ ट्रेन में चढ़ सकते हैं। इसके बाद टीटीई (ट्रेन टिकट इग्जैमनर) के पास जाकर टिकट बनवा लें। सीट खाली होने पर आपको सिर्फ रिजर्व्ड टिकट लेने के लिए पैसे देने पड़ते हैं, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि सीट खाली न होने पर अगर आप बैठते हैं तो पेनल्टी वसूली जाएगी।
  • सफर के दौरान अगर ट्रेन कोच में में पानी खत्म हो जाए या टॉइलट गंदा हो या ट्रेन में पंखे और लाइट खराब हो या फिर एसी सही से काम न कर रहा हो तो इसकी शिकायत ट्रेन के TTE या रेलवे के अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर करें, समस्या का जल्दी ही निवारण होगा।
  • अगर ट्रेन अगर 3 घंटे से ज्यादा लेट होती है और इस वजह से आप उसमें सफर नहीं करते या बंद की वजह से, रेल रोको और बाढ़ समेत अन्य दूसरी वजहों से अगर ट्रेन कैंसल हो जाए या ट्रेन को अगर तय रूट पर नहीं, दूसरे रूट पर चलाया जाए और यात्री का स्टेशन उस रूट पर न हो तों इस स्थित में आप कन्फर्म टिकट/ तत्काल टिकट के बदले पूरा रिफंड वापस ले सकते हैं।
  • ई-टिकट बुक करने वाले पैसेंजर्स 24 घंटे पहले तक बोर्डिंग स्टेशन बदल सकते हैं। यह भी ध्यान रहे कि इसे एक बार ही किया जा सकता है। साथ ही, अगर टिकट एसी क्लास का है और रेलवे की वजह से स्लीपर में सफर करना पड़ रहा है तो रिफंड क्लेम कर सकते हैं। अगर एसी कोच में एसी खराब होता है तो रिफंड क्लेम किया जा सकता है।
  • आपके नाम से जारी कन्फर्म टिकट पर आपके माता-पिता, भाई, बहन, बेटा, बेटी और आपका जीवनसाथी सफर कर सकता है। इसके लिए आपको टिकट ट्रांसफर कराना होगा। जहां से ट्रेन चलेगी उसी स्टेशन पर आपको 24 घंटे पहले चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर के पास रिक्वेस्ट देनी होगी। यात्री इसका फायदा तभी उठा सकते हैं जब उसके स्टेशन से ही ट्रेन शुरू होती हो या मूल स्टेशन उसके शहर के आसपास ही हो।
  • हर ट्रेन में फर्स्ट एड बॉक्स की सुविधा होती है। ऐसे में शारीरिक रूप से कोई भी परेशानी होने पर आप फर्स्ट एड बॉक्स मांग कर सकते हैं। यह बॉक्स आपको टीटीई या ट्रेन में मौजूद रेलवे कर्मचारी से मिल सकता है। यह सर्विस फ्री है।
  • अगर आपने ऑनलाइन टिकट लिया हो और आपके पास न टिकट हो और न ही मेसेज तो भी आप सफर कर सकते हैं। आपके पास बस वैलिड आई कार्ड (आधार, पैन कार्ड, डीएल आदि) होना चाहिए और अपनी सीट और बोगी नंबर पता होनी चाहिए।
  • अमूमन रिजर्वेशन वाली हर तीन-चार बोगी के लिए एक टीटीई रहता है। अगर बोगी एसी है तो एक अटेंडेंट भी होता है। बोगी में सही सर्विस की जिम्मेदारी उसकी है। अगर वह अपना काम सही ढंग से नहीं कर रहा है तो इसकी शिकायत आप टीटीई से कर सकते हैं। इसी तरह अगर टीटीई आपकी बात नहीं मान रहा है तो उसके पास एक शिकायत पुस्तिका होती है, उसमें आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। कई बार टीटीई शिकायत पुस्तिका देने के लिए तैयार नहीं होता। ऐसे में आप अपनी शिकायत आने वाले किसी भी अगले स्टेशन के स्टेशन मास्टर के पास कर सकते हैं। या आप @RailMinIndia को टैग कर ट्वीट कर सकते हैं। यह रेलवे मंत्रालय का ट्विटर हैंडल है। यहां अमूमन सारी मदद मिल जाती है।