उदयपुर: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी के केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाने के बाद राजनीति गरमा गई है जहां डॉर्सी ने हाल में एक वीडियो इंटरव्यू में दावा किया कि 2021 में किसान आंदोलन को लेकर सरकार की आलोचना करने वाले कई ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने के उन्हें निर्देश मिले थे. डोर्सी ने आरोप लगाया कि भारत सरकार की तरफ से उनपर दबाव बनाया गया और ऐसा नहीं करने पर भारत में ट्विटर को बंद तक करने की धमकी दी गई.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की ओर से ट्विटर इंडिया के दफ्तर पर छापेमारी और उसके कर्मचारियों को गिरफ्तार करने तक का भी कहा गया. अब इस मामले पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया आई है जहां गहलोत ने कहा कि ऐसी ही कितनी घटनाएं देश में हो रही है जहां लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ रही है.
उन्होंने कहा कि केंद्र में बैठे लोगों को आलोचना पसंद नहीं है और ये अपनी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. सीएम ने कहा कि कोई मेरा आलोचना करे तो मैं उसका जनता के हित में फायदा उठाऊंगा और विकास के जो काम रह गए उन्हें पूरा करूंगा.
‘लोकतांत्रिक व्यवस्था के दामन पर दाग़’
वहीं डॉर्सी के आरोपों पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि केंद्र की तानाशाह सरकार ने विश्व पटल पर भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था के दामन पर दाग़ लगाने की कुचेष्ठा की है जहां किसान आंदोलन को लेकर ट्विटर के पूर्व सीईओ का खुलासा गंभीर है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की आलोचना करने वाले ट्विटर अकाउंट को बैन करने के लिए दबाव डाला गया, किसान संगठनों की आवाज़ कुचलने के लिए धमकाया गया, एजेंसियों से छापेमारी का डर दिखाया गया, किसान आंदोलन दिखाने वाले पत्रकारों को चुप करने के लिए उनके अकाउंट बैन की कोशिश की गई ऐसे में अन्नदाता की आवाज़ कुचलने वाले प्रधानमंत्री को देश के सामने आकर सच्चाई बतानी चाहिए.