15th BRICS Summit : नई दिल्ली। पांच देशों के संगठन ब्रिक्स के विस्तार का रास्ता खुल गया है। अब ब्रिक्स में अरब देशों को भी एंट्री मिल गई है। जोहान्सबर्ग में चल रहे ब्रिक्स के 15वें समिट में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा ने पीएम मोदी की मौजूदगी में इसका ऐलान किया। इसके साथ ही अब ब्रिक्स में शामिल देशों की संख्या 11 हो गई है। ब्रिक्स में शामिल होने वाले देशों की सदस्यता 1 जनवरी 2024 से लागू होगी।
दरअसल, BRICS में अभी तक 5 देश ही शामिल थे। जिनमें B से ब्राजील, R से रूस, I से इंडिया, C से चीन और S से साउथ अफ्रीका हैं। लेकिन, अब ब्रिक्स में ईरान, अर्जेंटीना, इथियोपिया, इजिप्ट, ईरान, यूएई और सऊदी अरब की भी एंट्री हो गई। इसके साथ ही ब्रिक्स के कुल देशों की संख्या 11 हो गई है। इसके अलावा अब ब्रिक्स का नाम बदलकर ब्रिक्स प्लस कर दिया गया है।
23 देशों ने सदस्यता के लिए किया आवेदन
जोहान्सबर्ग में चल रहे ब्रिक्स के 15वें समिट में ब्रिक्स के विस्तार का रास्ता खुला। भारत ने इस पर सहमति देते हुए आम राय कायम करने में अहम भूमिका निभाई। इस दौरान 40 से अधिक देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने में इच्छा जताई। साथ ही 23 देशों ने इसकी सदस्यता के लिए आवेदन भी किया। जिनमें मे से ईरान, अर्जेंटीना, इथियोपिया, इजिप्ट, ईरान, यूएई और सऊदी अरब को ब्रिक्स में एंट्री मिल गई है। लेकिन, बाकी देशों को अभी इंतजार करना पड़ेगा।
यह है ब्रिक्स की ताकत?
ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। ये देश-दुनिया की 41 फीसदी आबादी, 24 प्रतिशत वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद और 16 फीसदी व्यापार का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन, अब ब्रिक्स में ईरान, अर्जेंटीना, इथियोपिया, इजिप्ट, ईरान, यूएई और सऊदी अरब की भी एंट्री हो गई है। इससे
कौन से देश हैं ग्लोबल साउथ?
ग्लोबल साउथ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है। ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं।
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