देहरादून। काशीपुर में एक डॉक्टर ने अपनी पत्नी के साथ आत्महत्या कर ली। बीमारी के चलते वे आर्थिक तंगी में आ गए थे। जिससे आहत होकर उन्होंने अपनी पत्नी और खुद को नशे का इंजेक्शन लगा लिया, उन्होंने बेटे को भी ये इंजेक्शन लगाया था लेकिन वो बच गया, सुबह वो नींद से जागकर मम्मी-पापा को देखने गया तो अपने कमरे में वो दोनों मृत पड़े थे।
कैंसर से जूझ रही थी पत्नी
काशीपुर की सैनिक कॉलोनी में किराए का मकान लेकर 50 वर्षीय आयुर्वेदिक डॉक्टर इंद्रेश शर्मा अपनी पत्नी वर्षा और 12 साल के बेटे ईशान के साथ रहते थे। उनकी पत्नी को कैंसर था, जिसका पिछले 10 साल इलाज चल रहा था। इलाज के लिए उन्होंने अपनी पूरी जमा-पूंजी लगा दी और कई लोगों से भारी-भरकम कर्ज भी ले लिया। लेकिन पत्नी की हालत ठीक नहीं हो रही थी, जिससे वे धीरे-धीरे आर्थिक तंगी में आ गए यहां तक 3 साल पहले 2020 में फीस की वजह से बेटे का स्कूल भी छुड़वाना पड़ा था।
जिससे वो दोनों और ज्यादा अवसाद में घिर गए। इंद्रेश ने पत्नी को बचाने के लिए अपना खून तक उन्हें दिया और हर बार अब वही अपना खून पत्नी को चढ़वाते थे लेकिन पत्नी की हालत में कोई सुधार नहीं आया। अपनी इस बदहाली से आहत होकर उन्होंने आत्महत्या करने का फैसला कर लिया।
बेटे को लगाया नकली इंजेक्शन
डॉ इंद्रेश शर्मा ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा जिसमें उन्होंने बीमारी की वजह से आर्थिक तंगी को अपनी खुदकुशी का कारण बताया। इंद्रेश ने नशे का इंजेक्शन लगाकर सुसाइड करने की बात पत्नी से कही, तो उनके 12 साल के बेटे ने भी खुद को अपने साथ ले जाने को कहा और उसे भी इंजेक्शन लगाने की जिद करने लगा। बेटे को खुद के हाथों मारने का दिल चीरकर रख देने वाला कदम इंद्रेश नहीं उठा सके, लेकिन उन्होंने बेटे से छुपाकर किसी दूसरी दवा का इंजेक्शन सबसे पहले उसे लगा दिया, जिससे उसे तेज नींद आने लगी और वो सो गया। इसके बाद दोनों पति-पत्नी ने नशे का इंजेक्शन लगा लिया।
बेटा जिंदा बचा तो मां-पिता को देखकर चीखा
सुबह जब उनका बेटा जागा और खुद को जिंदा पाया तो मा-पिता के कमरे में जाकर देखा तो दोनों बिस्तर पर मृत पड़े हुए थे, उनकी मौत हो चुकी थी, ये नजारा देखते ही बेटे की चीख निकल गई जिसे सुनकर आस-पड़ोस के लोग घर में आए, अंदर का नजारा देखकर और बेटे को रोता देखकर पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद पुलिस ने पहुंचकर दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और बेटे का बयान दर्ज किया।