Delhi Horror : दिल्ली के सुल्तानपुरी में कार से घसीटते हुए 20 साल की लड़की की हत्या पर पूरे देश में आक्रोश छाया हुआ है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि कंझीवाला में हमारी बहन के साथ जो कुछ भी हुआ, वो बेहद शर्मनाक है। मैं उम्मीद करता हूं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। इधर मृतका के परिवार ने दिल्ली पुलिस की जांच पर संदेह जताया है। उनक कहना है कि हमें दिल्ली पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है। हमारे साथ इंसाफ नहीं हुआ। दरअसल लड़की के मामा और मां ने कहा है कि उनकी बेटी के साथ निर्भया जैसा कांड करने के लिए उसे 11 किमी तक दरिंदे घसीट कर ले गए। लेकिन जब उसके शरीर के चीथड़े उड़ गए तो उसे छोड़कर फरार हो गए।
कार के अगले पहिए में फंसी थी लड़की
इस वीभत्स घटना के चश्मदीद युवक का कहना है कि मैंने रात के करीब 3 बजे सड़क पर जो देखा उसे देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। एक कार बेहद तेज रफ्तार करीब 120 किमी की रफ्तार से दौड़ रही थी और इसके अगले पहिए में खून से लथपथ एक लड़की फंसी हुई थी। इसे देखकर उसने कंट्रोल रूम को फोन किया। इस पर पुलिस ने कंझावला के रास्ते पर मौजूद चौकी को अलर्ट कर दिया। लेकिन युवती का पता नहीं लगा। इसके बाद सुबह 4 बजे पुलिस को सूचना मिली कि कंझावला के पास एक लड़की का कंकाल मिला है। जिसके बाद रोहिणी की क्राइम टीम ने कंकाल बने शव को बरामद किया, साथ ही उसका स्कूटी को भी कब्जे में लिया। पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से आरोपियों की कार को अवंतिका के बरामद कर लिया गया।
पांचों आरोपी गिरफ्तार
लड़की को 11 किमी तक घसीटकर उसकी हत्या करने वाले कार सवार पांचों आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है। डीसीपी बाहरी जिला हरेंद्र कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जो आरोपित गिरफ्तार हुए हैं उनमें से एक परचून की दुकान चलाता है, एक सैलून में काम करता है, एक आरोपी ग्रामीण बस सेवा में ड्राइवर है और एक क्रेडिट कार्ड बनाने का काम करता है। इनके नाम मनोज मित्तल, कृष्ण, मिथुन, अमित खन्ना, दीपक खन्ना हैं। पुलिस का कहना है कि ये पांचों युवक अपने एक जानकार की गाड़ी लेकर नए साल का जश्न मनाने के लिए मुरथल गए थे।
आरोपियों ने कहा- नशे और म्यूजिक की तेज आवाज में समझ नहीं पाए
गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस ने जब इस वहशीपन की वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि वे शराब के नशे में थे और कार के अंदर तेज आवाज में म्यूजिक बज रहा था। जब लड़की को टक्कर लगी, तब तो वे संभले लेकिन उन्हें यह नहीं पता चल सका कि गाड़ी की पहिए में लड़की फंसी हुई है। उनका कहना है कि म्यूजिक की तेज आवाज में उन्हें लड़की की चीखें भी नहीं सुनाई दीं। हालांकि जब पुलिस ने कार की तलाशी ली तो उन्हें शराब की बोतले या कुछ नशे का सामान नहीं मिला। दूसरी तरफ फॉरेंसिक टीम ने भी बरामद कार पर लगे खून के नमूने ले लिए हैं।
परिवार में अकले घर चलाने वाली थी मृतका
लड़की की मां ने बयान दिया है कि उनका बेटी घर में अकेली ही कमाने वाली थी। उससे छोटे तीन भाई-बहन और हैं। मृतक युवती की दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है। पिता की मौत 5 साल पहले हो चुकी है औऱ मां की दोनों किडनियां खराब हैं। ऐसे में बेटी के सिर पर ही पूरे घर का भार आ गया था। सिर्फ 20 साल की उम्र में बेटी ने घर की इतनी बड़ी जिम्मेदारी अपने सिर पर उठा ली थी। वह शादी जैसे समारोहों में अतिथियों के स्वागत का काम करती थी। इसलिए उसे देर रात तक रूकना पड़ता था।
खौफनाक रात को हुई वीभत्स हत्या
लड़की की मां ने बताया कि बीते शनिवार उनकी बेटी कंझावला में किसी रिश्तेदार के घर पर जन्मदिन की पार्टी के लिए गई थी। देर रात करीब 2 बजे वह स्कूटी से अमन विहार जा रही थी। तभी सुल्तानपुरी के पास सामने से आ रही तेज रफ्तार कार ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वह स्कूटी समेत कार के अगले पहियों के बीच फंस गई थी। लेकिन कार चालकों ने कार नहीं रोकी। उन्होंने उसी रफ्तार में कार भगाई जिससे लड़की बुरी तरह घिसट गई। यहां तक कि कुछ दूर बाद स्कूटी कार से निकल गई। लेकिन लड़की फंसी रह गई।
कपड़े ही नहीं, मांस के भी चिथड़े उड़े
कार के पहियों में फंसी लड़की करीब 11 किमी तक घिसटती चली गई। जिससे उसके शरीर के सारे कपडों के चीथड़े तक उड़ गए, लड़की नग्न अवस्था में आ गई, लेकिन यह वहशीपन यहीं नहीं थमा। सड़क पर 11 किमी तक घिसटने से लड़की के शरीर से मांस तक चीथड़े उड़ गए। यहां तक कि जब आरोपियों ने कार रोकी तो लड़की शरीर पर कुछ हिस्सों पर मांस बचा ही नहीं था, सिर्फ कंकाल रह गया था।
एलजी विनय सक्सेना ने कहा- मेरा सिर शर्म से झुक गया
इस वीभत्स घटना के सामने आने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने कहा कि आज सुबह कंझावला-सुल्तानपुरी में हुए अमानवीय अपराध पर मेरा सिर शर्म से झुक गया है और मैं अपराधियों की राक्षसी संवेदनहीनता से स्तब्ध हूं। पुलिस हर पहलू पर मॉनिटरिंग कर रही है और आरोपितों को पकड़ लिया गया है। सभी पहलुओं पर गहनता से विचार किया जा रहा है। यहां तक कि पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता सुनिश्चित की जाएगी, मैं सभी से अवसरवादी मैला ढोने का सहारा नहीं लेने की अपील करता हूं। आइए मिलकर एक अधिक जिम्मेदार और संवेदनशील समाज की दिशा में काम करें।