Delhi Excise Policy : तमाम विरोध-विवाद के बाद आखिरकार आज यानी 1 सितंबर से दिल्ली में पुरानी आबकारी नीति लागू हो गई है। आज से दिल्ली में कई नई सरकारी दुकानें खुल रही हैं। दिल्ली के आबकारी विभाग ने दावा किया कि पुरानी नीति लागू होने से कम से कम 300 नई शराब की दुकानें खुलेंगी। नई नीति के तहत निजी दुकानों के लाइसेंस की समयसीमा भी अब समाप्त हो चुकी है। अब आज से लागू हुई पुरानी नीति की अवधि अगले 6 महीन तक रहेगी। इसके बाद या तो नई नीति को लागू किया जाएगा .या इसके कुछ पैरामीटर्स पर बदलाव किया जाएगा।
साल के अंत तक Delhi Excise Policy के तहत करीब 700 सरकारी दुकानें
विभाग की दी जानकारी के मुताबिक अभी तो 300 से 500 दुकानें नई खुलेंगी, लेकिन इसके बाद अक्टूबर के महीने में प्रीमियम श्रेणी की 12 नई दुकानें खोली जाएंगी। दूसरी तरफ निर्धारित कीमतों पर ही ब्रांड के हिसाब से पूरी दिल्ली में शराब बिकेगी। इसमें करीब 380 ब्रांड विभाग में रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 230 से ज्यादा तो विदेशी ब्रांड हैं। वहीं नई पॉलिसी (Delhi Excise Policy) के तहत जो ग्राहकों को डिस्काउंच ऑफर दिए जा रहे थे, अब वे भी समाप्त कर दिए गए हैं। पुरानी आवकारी नीति लागू होते ही निजी ठेकेदारों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं।
प्राइवेट वेंडर्स को अभी लाइसेंस का प्रावधान नहीं
जानकारी के मुताबिक इस साल के आखिर तक सरकारी दुकाने ही चलेंगी, निजी वेंडर्स को अभी लाइसेंस देने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। बता दें कि दिल्ली (Delhi Excise Policy) में शराब की खपत बेहद ज्यादा है, 2019 में किए गए एक सर्वे के मुताबिक दिल्ली में हर महिने 5 लाख लीटर शराब की खपत होती है।
नई आबकारी नीति (Delhi Excise Policy) पर क्यों हुआ था बवाल ?
दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत 32 जोन में 849 दुकानों के रिटेल लाइसेंस जारी किए थे। सरकार किसी भी शराब की दुकान की मालिक नहीं होगी। दुकान पर यह देखना होगा कि कम उम्र के व्यक्ति को शराब न बेची जाएगी। आईडी चेक किया जाएगा। शराब (Delhi Excise Policy) की दुकान के बाहर स्नैक्स या खाने-पीने की दुकान नहीं खुल सकेगी ताकि खुले में शराब पीना कम हो। नई नीति में होटलों के बार, क्लब और रेस्टोरेंट्स को रात्रि 3 बजे तक खोलने की छूट दी गई थी। वे छत समेत किसी भी जगह शराब परोस सकते थे। इससे पहले खुले में शराब परोसने पर रोक थी। बार में किसी भी तरह के मनोरंजन का इंतजाम किया जा सकता था। इसके अलावा बार काउंटर पर खुल चुकीं बोतलों की शेल्फ लाइफ पर कोई पाबंदी नहीं होगी। जिसका भाजपा और कांग्रेस ने विरोध किया था। उपराज्यपाल से भी शिकायत की गई थी। इसके बाद एलजी की ओर से सीबीआई जांच की सिफारिश की गई।
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