कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस को बहुमत देकर अपनी सरकार चुन ली है। अपने मेनीफेस्टो में बजरंग दल को बैन लगाने के वादे को लेकर कर्नाटक में दोनों पार्टियों कांग्रेस और भाजपा में खूब घमासान हुआ। देखते-देखते यह वादा चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभर आया। लेकिन इस बजरंग दल के मुद्दे को लेकर कांग्रेस फंसती हुई नजर आ रही है। दरअसल बजरंग दल हिंद के संस्थापक हितेश भारद्वाज की याचिका पर पंजाब की संगरूर कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को समन भेजा है। अब 10 जुलाई को वे कोर्ट में हाजिरी देंगे और इस केस की सुनवाई होगी।
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही थी। इस घोषणा पत्र में कांग्रेस ने इस दल को आतंकी संगठन करार दिया था और खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा और PFI से इसकी तुलना की थी। इसके बाद इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा नेताओं में बजरंगबली पर जमकर राजनीति की थी। भाजपा ने तो बजरंग दल की तुलना बजरंग बली से कर दी थी और अपनी चुनावी रैलियों में जनता से कांग्रेस के बजरंग बली पर बैन लगाने का मुद्दा बना दिया था। इस बीच बजरंग दल हिंद के संस्थापक हितेश भारद्वाज ने कांग्रेस के इस घोषणापत्र के खिलाफ संगरूर कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें कांग्रेस के मेनीफेस्टो का जिक्र किया था।
राहुल गांधी के बाद अब खड़गे पर फैसले पर सभी की नजर
इसे लेकर संगरूर कोर्ट के सीनियर डिवीजन जज ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को समन जारी कर दिया। 10 जुलाई को इस केस की सुनवाई होगी। तो भाजपा इस मुद्दे पर कांग्रेस को कोई मौका नहीं छोड़ा। पूरे देश में भाजपा के नेताओं ने कर्नाटक में बजरंग दल को बैन करने को लेकर जमकर बयानबाजी की, लेकिन अब चुनाव के नतीजे आने के बाद यह साबित हो गया कि जिस बजरंग दल के मुद्दे को भाजपा ने इतने जोर-शोर से उठाया, उसी मुद्दे पर उसे मुंह की खानी पड़ी, हालांकि अब कांग्रेस भी इसमें फंसती नजर आ रही है। कोर्ट इस मानहानि के मुद्दे पर क्या फैसला रहेगा इस पर सभी की नजरें रहेंगी क्योंकि राहुल गांधी के मानहानि केस पर उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई थी जिसके बाद अब उनकी संसद से सदस्यता रद्द कर दी गई थी।