MP Dheeraj Sahu: आयकर विभाग की टीम ने तीन राज्यों झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के 10 ठिकानों पर छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये नकद जब्त किए है। अब तक 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की गिनती हो चुकी है, लेकिन गिनती पूरी होने में अभी दो दिन और लग सकते हैं। नोटों से भरी अलमारियाँ सबसे ज्यादा संख्या में ओडिशा के बलांगीर में मिली हैं। आयकर विभाग के मुताबिक, यह देश में कानूनी तौर पर जब्त की गई नकदी की सबसे बड़ी रकम होने का अनुमान है।
40 साल से देशी शराब के कारोबार में साहू परिवार
कांग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू के रिश्तेदारों का ओडिशा में शराब का बड़ा कारोबार है। बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज मूल रूप से झारखंड के लोहरदगा जिले के रहने वाले हैं। इस कंपनी ने 40 साल पहले ओडिशा में देशी शराब बनाना शुरू किया था। कंपनी बुद्धिस्ट डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) की साझेदारी फर्म है। इस कंपनी में बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, क्वालिटी बॉटलर्स प्राइवेट लिमिटेड और किशोर प्रसाद विजय प्रसाद बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल हैं।
धीरज साहू ने दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा
बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज में सांसद धीरज प्रसाद साहू के अलावा उनके परिवार के कई सदस्य शामिल हैं। धीरज साहू तीन बार राज्यसभा सांसद बने, इसके अलावा वह दो बार चतरा लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं, लेकिन सफल नहीं हुए। उद्योगपति राय साहेब बलदेव साहू के पुत्र धीरज प्रसाद साहू का जन्म 23 नवंबर 1959 को उनके पैतृक घर लोहरदगा में हुआ था।
रांची से लोकसभा सांसद रहे दिवंगत शिव प्रसाद साहू के भाई धीरज साहू लगातार तीन बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। जून 2009 के उपचुनाव में वह पहली बार राज्यसभा सांसद बने। इसके बाद वह जुलाई 2010 में दूसरी बार और 2018 में तीसरी बार राज्यसभा पहुंचे। वह संसद की कई समितियों के सदस्य रहे हैं।
2018 चुनाव में 34 करोड़ रुपये की संपत्ति
2018 में राज्यसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में धीरज प्रसाद साहू ने अपनी संपत्ति 34 करोड़ रुपये बताई थी। उन्होंने 2.36 करोड़ रुपये का कर्ज भी घोषित किया था। जबकि, वित्त वर्ष 2016-17 के इनकम टैक्स रिटर्न में उन्होंने अपनी आय 1 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई थी।
कंपनी के कई खाते फ्रीज, ईडी की एंट्री संभव
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस छापेमारी के बाद आयकर विभाग ने कंपनी के कई खाते फ्रीज कर दिए हैं। आयकर विभाग कंपनी संचालकों से इतनी बड़ी मात्रा में नकदी जमा करने और आय के स्रोत के बारे में जानकारी मांगेगा। चर्चा यह भी है कि इतनी बड़ी रकम को देखते हुए ईडी भी मामले की जांच में कदम रख सकती है।