Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता फिर से बहाल कर दी गई है जहां लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी. मोदी सरनेम को लेकर दिए गए एक बयान के बाद राहुल गांधी पर मानहानि का केस चल रहा है जिलमें 23 मार्च को निचली अदालत ने उनको 2 साल की सजा सुनाई थी. वहीं सजा सुनाए जाने के 24 घंटे बाद 24 मार्च को उनकी सांसदी चली गई थी. मालूम हो कि राहुल केरल के वायनाड से सांसद हैं.
वहीं राहुल की सजा को गुजरात हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा था. इसके बाद राहुल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जहां 134 दिन बाद बीते 4 अगस्त को कोर्ट ने राहुल की सजा पर रोक लगाने के आदेश दिए थे. अब जानकारी मिली है कि राहुल सदस्यता बहाल होने के बाद आज संसद पहुंचकर लोकसभा की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं.
इधर राहुल की संसद में वापसी पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होना सत्य की विजय है जहां उनके संघर्ष और जनता के अपार समर्थन ने एक हठी सरकार को झुकने पर मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कहा कि जनता की आवाज राहुल गांधी अब संसद में फिर से गूंजेगी और आमजन के हित की बात उठाएगी.
2019 के बयान पर हुआ था बवाल
दरअसल राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को एक चुनावी रैली में कहा था कि ‘नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’ इसके बाद बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करवाया था.
शिकायत में आरोप लगाया गया था कि राहुल ने मोदी समुदाय को कथित रूप से चोर कहकर बदनाम किया है. इसके बाद राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया और 2 साल की सजा सुनाई.
कांग्रेसी नेता बोले- सत्य की जीत
वहीं राहुल गांधी की सांसदी वापस आने पर कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने कहा कि यह सत्य की जीत है जिससे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में उत्साह है. जोशी ने कहा कि हम अगर एकजुट होकर लड़ें तो बीजेपी को चुनौती दे सकते हैं. वहीं पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि ‘पूरे देश में खुशी का माहौल है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज फिर सत्य की जीत हुई है, राहुल गांधी और पूरे देश को न्याय मिला है.
इधर राहुल की सदस्यता बहाली पर कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि यह सच्चाई, ईमानदारी और संघर्ष की जीत है जहां सुप्रीम कोर्ट ने न्याय किया है. खाचरियावास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश देकर कहा कि गुजरात हाईकोर्ट को इतनी बड़ी सजा देने का कोई हक नहीं है और उस फैसले को रद्द कर दिया.