Karnataka Assembly Election : मैंगलोर। कर्नाटक दौरे के दूसरे दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर बीजेपी को जमकर आड़े हाथ लिया। साथ ही राजस्थान में लागू की गई सरकारी योजनाओं को बखान किया। सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है। लेकिन, अब देश की जनता सब समझ चुकी है। आने वाले चुनावों में देश की जनता बीजेपी को बसक सिखाएगी। साथ ही सीएम गहलोत ने देश के सभी राज्यों में राइट टू हेल्थ और ओपीएस को लागू करने की मांग की।
सीएम गहलोत ने कर्नाटक के मैंगलौर में मंगलवार को मीडिया से मुखाबित होते हुए कहा कि कर्नाटक में आजादी के बाद इतनी भ्रष्ट सरकार कभी नहीं आई। देशभर में छोटा-मोटा करप्सन तो सब जगह होता है। कर्नाटक देश का पहला राज्य है जहां पर 40 प्रतिशत करप्सन हो रहा है। ये वादे करने वाले लोग है, लेकिन देते कुछ नहीं है। बीजेपी ने यूपी और गोवा में गैस सिलेंडर देने का वादा किया था। लेकिन, अभी तक किसी को कुछ नहीं मिला है। भाजपा ने ना ही नौकरी दी और ना ही कोई वादा निभाया है। इनके वादों पर अब जनता भी विश्वास नहीं कर रही है।
सीएम ने किया सरकारी योजनाओं का बखान
बेंगलुरू में मीडिया से रूबरू होने के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान कई लोक कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हमने राजस्थान में ओपीएस और राइट टू हेल्थ स्कीम लागू की है। जिसकी आज देशभर में चर्चा हो रही है। राजस्थान में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में 25 लाख रुपए तक के कैशलेस इलाज की सुविधा दी जा रही है और 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने परिवार की महिला को मुखिया बनाया है। सरकार अब महिलाओं को स्मार्टफोन बांटेगी और तीन साल तक का इंटरनेट भी फ्री देगी। 500 रुपए में गैस सिलेंडर दे रहे है। गांवों की तरह शहरों में नरेगा की शुरूआत की है। हमने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा सहित हर तरह से लोगों को सुविधाएं देने के लिए योजनाएं बनाई है। ये योजनाएं देशभर में अनूठी है। उन्होंने कहा कि हमने जो राजस्थान में प्रयोग किए, उसकी चर्चा आज पूरे देश में है। जो देश में कही नहीं है, हमारी सरकार ने ऐसे काम किए है। हम चाहते है कि हमारी योजनाओं को देश के सभी राज्यों को लागू करने चाहिए।
बीजेपी के घोषणा पत्र को बताया झूठ का पुलिंदा
सीएम गहलोत ने बीजेपी के घोषणा पत्र को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि कर्नाटक के हालात किसी से छिपे नहीं है। बीजेपी ने पहले भी कई वादे किए थे। लेकिन, भाजपा ने ना नौकरी दी और ना ही कोई वादा निभाया है। महंगाई से जनता लगातार परेशान हो रही है। भाजपा के वादों पर अब जनता भरोसा नहीं कर रही है। राहुल गांधी ने महंगाई, बेरोजगारी, देश में अशांति और गरीब-अमीर के बीच बढ़ती खाईं का मुद्दा उठाया था। लेकिन, इन लोगों ने उनकी भी आवाज को दबाने की कोशिश की है।
बीजेपी पर लगाया चुनी हुईं सरकारों को गिराने का आरोप
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस के पक्ष में माहौल है। चुनाव जीतने के बाद बीजेपी का चुनी हुई सरकार को गिराने का मॉडल बन गया है। जिसका इन लोगों को कर्नाटक की जनता करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद ये पहली बार हो रहा है कि चुनी हुई सरकारों को हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए गिराने की योजना बीजेपी ने बना रखी है। मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए हुए चुनी हुई सरकारों को गिराया गया। राजस्थान में भी चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया लेकिन वहां इनका एजेंडा फेल हो गया। अगर देश का गृह मंत्री ही ऐसा काम करें तो यह सोचना जरूरी है कि देश के लोकतंत्र का क्या होगा। हम कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। क्योंकि, हम वादे वही करते है जो निभा सकते है। बीजेपी वालों अपने वादे तक नहीं निभा पाए। किसान दुखी है और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है।
आस्था के नाम पर राजनीति कर रही बीजेपी
बजरंग दल को बैन करने के सवाल पर सीएम गहलोत ने कहा कि क्या नाम ले लिया। बजरंग बली का नाम लो। बजरंग बली तो सबके लिए है। ये लोग बजरंग बली और राम का नाम लेकर राजनीति करते है। लेकिन, ये सभी देशवासियों के लिए आस्था के केंद्र है। चाहे वो राम मंदिर हो या बजरंग बली हो। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की योजनाओं को दूसरे राज्यों में भी लागू किया जाना चाहिए, ताकि दूसरे राज्यों के लोगों का भी भला हो।
पायलट के अनशन के सवाल पर दिया ये जवाब
सचिन पायलट के अनशन के सवाल पर सीएम गहलोत ने कहा कि मेरा ध्यान अभी राजस्थान के लोगों को महंगाई से राहत दिलाने पर है। उन्होंने कहा कि भाजपा से जुड़े लोग अंग्रेजों की मुखबिरी करते थे। इनके किसी नेता ने देश की आजादी के लिए अंगुली नहीं कटाई। पीएम मोदी द्वारा गाली देने के आरोप पर गहलोत ने कहा कि क्या पीएम मोदी को इसकी लिस्ट बनाने की फुर्सत मिल गई कि उन्हें कांग्रेस के किस-किस नेता ने गाली दी। लेकिन, सच्चाई तो ये है कि जिन नेताओं ने गाली दी उनमें से अधिकतर तो बीजेपी में शामिल हो चुकी है।