Rythu Bandhu scheme : नई दिल्ली। तेलंगाना में 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने रायथु बंधु योजना पर रोक लगा दी है। दरअसल, चुनाव आयोग ने पहले तेलंगाना सरकार को रायथु बंधु योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता देने की परमिशन दी थी। लेकिन, अन्य दलों के विरोध के चलते अब चुनाव आयोग ने अपना फैसला वापस ले लिया है।
चुनाव आयोग ने सोमवार को तेलंगाना सरकार की रायथु बंधु योजना पर रोक लगा दी है। ऐसे में अब इस योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता नहीं मिल पाएगा। आयोग के इस फैसले से तेलंगाना की केसीआर सरकार को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि, इस योजना से केसीआर सरकार को चुनावों में काफी फायदा हो रहा था। चुनाव आयोग ने सोमवार को अपने नए आदेश में कहा है कि जब तक राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी तब तक योजना के तहत किसी भी तरह की वित्तीय मदद नहीं दी जाएगी
चुनाव आयोग ने क्यों वापस लिया अपना फैसला?
तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में अभी चुनाव आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में केआरसी सरकार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर रायथु बंधु योजना के तहत किसानों के बैंक अकाउंट में 24 नवंबर से सब्सिडी का पैसा वितरित करने की परमिशन मांगी थी। जिस पर चुनाव आयोग ने मंजूरी दे दी थी। लेकिन, कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों ने विरोध किया तो चुनाव आयोग को अपना फैसला बदला पड़ा और बीआरएस सरकार को दी मंजूरी वापस ले ली।
क्या है रायथु बंधु योजना?
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने साल 2018-19 में किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए रायथु बंधु योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत राज्य के हर किसान के बैंक खाते में 5000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से पैसे स्थानांतरित करती है। ये रकम साल में दो बार खरीफ और रबी की फसल के लिए स्थानांतरित की जाती है। ऐसे में हर किसान के खाते में प्रति एकड़ 10 हजार रुपये जमा होते हैं।
इस योजना के तहत अब तक तेलंगाना सरकार 70 हजार करोड़ रुपये राज्य के किसानों के खातों में जमा कर चुकी है और इससे 60 लाख किसानों को फायदा हुआ है। बीआरएस ने रायथु बंधु योजना के तहत सहायता राशि बढ़ाकर 16 हजार रुपये प्रति वर्ष करने का ऐलान किया है।
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