Parliament Special Session : नई दिल्ली। संसद का विशेष सत्र शुरू होगा और सरकार के कामकाज को देखते हुए यह 22 सितंबर तक चलेगा। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने व्हिप जारी कर अपने सांसदों को विशेष सत्र के लिए उपस्थित होने के निर्देश दिए है। केंद्र सरकार ने कुछ विधेयकों को सूचीबद्ध किया है और विशेष सत्र के लिए भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने को अपने एजेंडे के रूप में चिह्नित किया है। लेकिन विपक्ष संतुष्ट नहीं दिख रहा है। ऐसे में विशेष सत्र में भी हंगामा जारी रह सकता है।
विपक्षी गठबंधन ने चुनाव आयुक्त से जुड़े बिल पर सरकार को घेरने का संकेत दिया है। वहीं, मणिपुर का मसला भी फिर छाया रह सकता है। हालांकि विपक्षी दलों की ओर से यह भी संकेत दिया गया कि अगर सरकार सिर्फ सकारात्मक अजेंडे पर राजनीति से ऊपर उठकर कुछ खास चर्चा करना चाहेगी तो उसपर विचार भी हो सकता है। बता दें कि विशेष संसद सत्र की पहले दिन की कार्यवाही मौजूदा संसद भवन में तथा 19 सितंबर से नए संसद भवन में बैठक होने की संभावना है।
सियासी हलकों में ऐसी चर्चा
सियासी हलकों में विशेष सत्र में कुछ खास होने की चर्चा भी है। शुरू में ऐसी चर्चा थी कि सरकार एक देश, एक चुनाव से जुड़ा कोई बिल पेश कर सकती है। लेकिन बाद में इसके लिए कमिटी बनाकर इसकी संभावना को खत्म कर दिया है। पूर्व में मोदी सरकार अपने फैसलों से चौंका चुकी है। ऐसे में इस बार भी पांच दिवसीय सत्र को लेकर उत्सुकता चरम पर है। ऐसा इसलिए कि अजेंडा पेश होने के बाद नियमन सरकार अंतिम समय में भी कोई भी बिल ला सकती है। इसमें अंतिम बदलाव करने का अधिकार सरकार के पास होता है।
सरकार का पता नहीं… कुछ और जोड़ दें
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि सर्वदलीय बैठक में जो बताया गया उसके अनुसार ऐसा लगता है कि संसद का विशेष सत्र संसद के सामान्य सत्र की तरह ही होगा, लेकिन यह बात और है कि सरकार उसमें कुछ और जोड़ दे। चौधरी ने कहा, हमारी तरफ से मुद्दे भी गिनाए गए हैं ताकि उन पर चर्चा हो। हमने महिला आरक्षण बिल को पेश करने की भी मांग की है।
इन विधेयकों पर चर्चा संभव
सरकार की ओर कहा गया है कि संसद के विशेष सत्र में वह देश की आजादी के बाद संविधान सभा के गठन से लेकर 75 सालों तक की देश की यात्रा, उसकी उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर चर्चा करेगी। हालांकि, इस बात की संभावना है कि संसद सत्र के दौरान सरकार एडवोकेट संशोधन विधेयक 2023, प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 को लोकसभा में पेश किया जाएगा। ये विधेयक राज्यसभा से पास कराए जा चुके हैं। इन दो विधेयकों के अलावा डाकघर विधयक 2023 और मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (सेवा शर्त) विधेयक, 2023 राज्यसभा में चर्चा के लिए पेश किए जाएंगे।
विशेष सत्र में दोनों सदनों में नहीं होगा प्रश्नकाल
सचिवालय सूत्रों के अनुसार विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल और गैर सरकारी कामकाज नहीं होगा। गुरुवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में कहा था कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है।
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