2000 Notes Ban: 2000 रुपए के नोट को लेकर पूरे देश में गहागहमी जारी है। इसी बीच अब ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट चला गया है। भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिसमें नोटों को बदलने को लेकर RBI और SBI को निर्देश देने की मांग की गई है। उन्होंने कोर्ट से बैंक में नोट बदलवाने के लिए एक आईडी प्रूफ की अनिवार्यता की भी मांग की है।
काले धन को किसी और के बैंक खाते में खपाने से रोका जा सकेगा
भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में मांग की है कि बैंक में 2000 रुपए के नोट को बदलवाने के लिए एक आईडी प्रूफ अनिवार्य होना चाहिए। बगैर आईडी प्रूफ के नोट ना बदले जाएं। इसके साथ बैंक की तरफ से जमाकर्ता को एक पर्ची भी दी जाए। आईडी प्रूफ से यह सुनिश्चित हो जाएगा कि जो व्यक्ति नोट बदलवाने के लिए बैंक में आया है वह अपने ही बैंक खाते में वो पैसे जमा कर सके। ताकि काला धन को दूसरे बैंक खाते में जमा करने वालों को पकड़ा जा सके। इससे ब्लैक मनी को किसी और के बैंक खाते में खपाया नहीं जा सकेगा। इसके लिए याचिका में कोर्ट से RBI औऱ SBI को भी निर्देशित करने की मांग की गई है।
एक बार में 20 हजार रुपए तक के नोट बदले जाएंगे
गौरतलब है कि आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि 30 सितंबर इन नोटों को सभी को बदलना है। एक बार बीस हजार रुपए के नोट ही बदले जाएंगे। लोग 2,000 रुपए के नोट बैंक खातों में जमा करा सकेंगे या फिर उन्हें अन्य मूल्य के नोटों के साथ किसी भी बैंक शाखा में जाकर एक्सचेंज करा सकेंगे। यह प्रक्रिया 23 मई यानी कल से शुरू होगी और 30 सितंबर 2023 को खत्म होगी।
2016 में नोटबंदी के बाद आया था 2000 रुपए का नोट
बता दें कि नवंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोट को लेकर नोटबंदी कर दी थी। जिसके बाद 2,000 रुपए का नोट नवंबर 2016 में मार्केट में आया था। केंद्र सरकार ने इसकी जगह नए पैटर्न में 500 का नया नोट और 2,000 रुपए का नोट जारी किया था।
बड़ी रकम में डिजिटल होता है लेनदेन इसलिए जरूरत नहीं
विशेषज्ञों का कहना है कि इस नोट का सर्कुलेशन ज्यादा ना होने के चलते इन्हें बंद किया जा रहा है। क्यों कि अब डिजिटल लेन-देन ज्यादा बढ़ गया है, लोग बड़ी रकम के ट्रांजैक्शन भी डिजिटल या इंटरनेट बैंकिग से कर रहे हैं, इसलिए इनका चलन भी कम हुआ है। ऐसे में सरकार और RBI ने इनका चलन बंद ही करने का फैसला कर लिया है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जो नोट बदले जाएंगे उनके बदले में छोटी राशि के नोट दिए जाएंगे। क्योंकि इतनी बड़ी राशि के नोटों की जरूरत ही नहीं है।