बैलेंस डाइट की कमी, स्ट्रेस और बिगड़ी लाइफ स्टाइल की वजह से आज युवा असमय ही हार्ट डिजीज के शिकार हो रहे हैं। पहले हार्ट डिजीज के मामले 60-70 साल की उम्र में पाए जाते थे, वे आज 35 से 40 साल की उम्र में ही सामने आ रहे हैं।
हार्ट स्पेशलिस्ट्स का मानना है कि हार्ट अटैक के मामले युवाओं में तेजी से बढ़ रहे हैं। वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अनिल गुप्ता कहते हैं, आज युवा अपनी सेहत की फिक्र किए बगैर भागे जा रहे हैं। भागती-दौड़ती जिंदगी में जहां और जब जो भी मिला खा लिया, बगैर इसकी परवाह किए कि वह सेहतमंद है भी या नहीं। खाने-पीने की ये गड़बड़ी उन्हें बड़े खतरे की तरफ धकेल रही है। काम का तनाव उन्हें बीपी और फिर हार्ट अटैक का शिकार बना रहा है। कम उम्र में हार्ट प्रॉब्लम का शिकार होकर बड़ी संख्या में युवा अस्पतालों में नजर आ रहे हैं।
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हेल्दी और क्वालिटी लाइफ के हार्ट का हेल्दी होना बहुत जरूरी है। इसके लिए बैलेंस डाइट लें, अच्छा और समय पर खाएं। खाना पीना समय पर होना जरूरी है। इसके अलावा फिजिकल फिटनेस पर ध्यान देना जरूरी है। काम को तय समय पर पूरा करें, थकान से दूर रहें तो स्ट्रेस से दूर रहने में मदद मिलेगी। ज्यादातर युवा काम की थकान और बिजी शेड्यूल के बहाने एक्सरसाइज, मॉर्निंग वॉक और फिटनेस को इग्नोर करते रहते हैं। ऐसा नहीं करें।
स्ट्रेस फ्री रहें और वजन न बढ़ने दें
लोग आजकल बहुत तनाव में रहते हैं। काम का लोड बढ़ रहा है। एकल परिवार होने से परिजनों से मदद नहीं मिल पाती। डे टु डे लाइफ में ऐसी कई परेशानियां होती हैं लेकिन छोटे परिवार होने की वजह से ये तनाव उन्हें अकेले ही झेलना पड़ता है। इसके अलावा काम का तनाव सब पर भारी है।
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स्ट्रेस हार्ट प्रॉब्लम्स का सबसे बड़ा फैक्टर साबित हो रहा है। वजन का ज्यादा होना हृदय रोग के खतरे को बढ़ा रहा है। कम वसा और कम चीनी युक्त स्वस्थ और संतुलित आहार, पर्याप्त फल-सब्जियां लें। नियमित एक्सरसाइज, मॉर्निंग वॉक, स्वीमिंग, साइक्लिंग करें। योगा, प्राणायाम, मेडिटशन से फिट रहें। ये छोटे-छोटे कदम आपको अच्छी सेहत के रास्ते पर ले जाने में मददगार होंगे।
स्मोकिंग से दूरी जरूरी
तनाव में आकर युवा सिगरेट और दूसरी तरह की चीजों के आदी हो रहे हैं। हार्ट प्रॉब्लम में ये काफी बड़ा कारण है। इससे कोरोनरी हार्टडिजीज का खतरा होता है। हैल्दी हार्ट के लिए स्मोकिंग से दूर रहें। स्मोकिंग छोड़ने के एक साल बाद आपको दिल का दौरा पड़ने का खतरा धूम्रपान करने वाले से आधा रह जाता है।