रोजाना की टेंशन और काम के बोझ के चलते हमारा दिमाग काफी परेशान हो जाता है। ये परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि, ये डिप्रेशन का रूप ले लेती है। डिपरेशन इतना आप हो गया है कि, लोग स्ट्रेस और डिप्रेशन में फर्क ही नहीं कर पाते हैं। दिमाग से जुड़ी एक ऐसी ही परेशानी होती है Schizophrenia ये एक ऐसी बीमारी है जिससे पीड़ित व्यक्ति हर बात और व्यक्ति पर शक करने लगता है। वहीं ऐसे इंसान अपनी ही किसी दुनिया में खोए रहते हैं। Schizophrenia से पीड़ित इंसान को हमेशा लगता है कि, कोई उनके खिलाफ साजिश कर रहा है या उन्हें गलत तरीके से फंसाने की कोशिश कर रहा है।
क्या होता है Schizophrenia
Schizophrenia का मतलब होता है, ‘विभाजित मन’ इस कंडिशन में व्यक्ति अपनी ही बनाई हुई दुनिया को सच मानने लगता है। अक्सर इस कंडिशन में उसे ये भ्रम होता है कि उसके दिमाग में जो चल रहा है वो सच है। यहां तक की उसको ऐसी आवाजे सुनाई देती हैं जो कभी असल में होती ही नहीं। साइंस की भाषा में समझे, तो हमारे दिमाग में डोपामाइन नामक एक न्यूरोट्रांसमीटर होता है, जो दिमाग और शरीर के बीच तालमेल बैठाता है। जब किसी वजह से डोपामाइन की मात्रा बढ़ जाती है, तो इसे सिजोफ्रेनिया कहा जाता है।
क्या हैं Schizophrenia के लक्षण
Schizophrenia के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं। अगर आप भी भ्रम की स्थिति महसूस करते हैं तो ये एक आम और ज्यादातर दिखने वाला लक्षण है। इसके अलावा अजीब चीजें महसूस करना, लाइफ के प्रति निराशा का भाव रखना, कई चीजें, व्यक्ति या कोई आकृतियां दिखना, भीड़ या सार्वजनिक जगहों में कार्यक्षमता खो देना, सुस्त रहना, लगातार मूड बदलना और अवसाद के लक्षण दिखना और ऐसी बातें करना जिनका रियलिटी से कोई संबंध नहीं ये Schizophrenia के मुख्य लक्षण हैं।
कैसे करें इलाज
Schizophrenia एक ऐसी बीमारी है जिसे पूरी तरह से तो ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन समय रहते इसका पता चल जाए तो दवाओं और बिहेवियरल थेरेपी से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इसका कोई सटीक मेडिकल टेस्ट नहीं है। इसलिए डॉक्टर्स मरीजों की केस हिस्ट्री, मानसिक स्थिति और लक्षणों का इवेलुएशन कर इलाज करते हैं।