मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि, अकेले रहना किसी भी उम्र में सही नहीं है। एक रिसर्च में पाया गया कि, सबके के साथ रहने वाले लोगों के मुकाबले अकेले रहने वाले लोग ज्यादा डिप्रेशन, एंग्जाइटी और मानसिक बीमारियां के शिकार होते हैं। ऐसे में ये जरूरी है कि, जो लोग अकेले रहते हैं उनका ज्यादा ध्यान रखा जाए। हमने अक्सर युवाओं को ही अकेलेपन का शिकार होते हुए देखा है, लेकिन क्या आप जानते हैं की अकेलेपन के शिकार बुजुर्ग लोग भी होते हैं। इस सिंड्रोम को एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम(Empty Nest Syndrome) कहा जाता है।
क्या होता है एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम(Empty Nest Syndrome)
इस समय में अकेलेपन का शिकार न केवल यूथ हो रहा है, बल्कि वो लोग भी शिकार हो रहे हैं जिनके बच्चें घर छोड़ चुके हैं। बुजुर्गों में होने वाले इस सिंड्रोम को एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम के नाम दिया गया है। इसके शिकार हुए लोग अक्सर सेल्फ हार्म करने की कोशिश करते हैं। इसलिए इनका ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
क्या हैं एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम के लक्षण
जो बुजुर्ग इंसान इस सिंड्रोम का शिकार होता है वो ज्यादा समय तनाव में रहता है। नींद न आना बैचेनी रहना इसके मुख्य लक्षण हैं। बिना वजह गुस्सा आता है तो कभी खुद को भारी नुक्सान पहुंचाने का मन करना। हमेशा सीने में भारीपन रहना और कई बार हार्ट अटैक जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
बुजुर्गों को कैसे बचाएं एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम से
जिन लोगों के माता-पिता या कोई बुजुर्ग व्यक्ति घर में अकेले रहते हैं। उन्हें बीच-बीच में जानकारी लेते रहनी चाहिए। साथ ही अगर किसी को ऐसे लक्षण की अपने शरीर में भनक भी लगती है तो उसे तुरंत अपने बच्चों या रिश्तेदारों की मदद लेनी चाहिए। कोशिश करें की आप अपने बच्चों से दिन में 2 बार बात कर सकें। अगर अकेले रहते हैं तो नई-नई एक्टिविटि में भाग लें। रोजाना घूमने जाए, नए लोगों से बात करें। या फिर अपनी खोई हुई हॉबी को फिर से जिंदा करें।