इन दिनों कई लोगो की मौत की खबर अचानक से ही आई हैं। इनकी मौत की वजह पता करने पर पता चलता है कि, मृत्यु हार्ट अटैक के चलते हुई थी। चिंता की विषय ये है कि, जान गवाने वालों में से कई लोगों को हार्ट से जुड़ी पहले कभी कोई बीमारी नहीं थी। इसे हम साइलेंट हार्ट अटैक(Silent Heart Attack) कहते हैं, इसका शिकार ज्यादातर कम उम्र के लोग होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, हार्ट अटैक के ज्यादातर मामले इन दिनों साइलेंट हार्ट अटैक हो रहे हैं। कोई हार्ट से जुड़ी बीमारी न होने पर भी लोगों में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा बना हुआ है। आईए जानते हैं कि, क्या होता है साइलेंट हार्ट अटैक।
क्या होता है साइलेंट हार्ट अटैक(Silent Heart Attack)
मेडिकल की भाषा में साइलेंट हार्ट अटैक को साइलेंट मायोकार्डियल इन्फ्रेक्शन कहा जाता है। ये होता बिल्कुल हार्ट अटैक की तरह है, लेकिन इसमें आम हार्ट अटैक की तरह सीने में दर्द नहीं होता है। इस वजह से ये आपके लिए और भी नुक्सान दायक हो सकता है। क्योंकि इसमें मरीज को कोई संकेत नहीं मिलता। आपको बता दें कि, भारत में पिछले 10 सालों में हार्ट अटैक के मामले 75% तक बढ़ गए हैं। साइलेंट हार्ट अटैक महिलाओं के मुकाबले पुरुषों के लिए ज्यादा खतरनाक है।
इस वजह से नहीं होता दर्द का एहसास
हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो, कई बार ऐसी सिचुएशन में आपके ब्रेन तक नसें दर्द का एहसास नहीं पहुंचा पाती हैं। या कई बाद दर्द की समझ न होने की वजह से इंसान इस दर्द को समझ नहीं पाता है। ये परेशानी ज्यादातर बड़ी उम्र के इंसानों या डायबिटीज के मरीजों को होती है।
ये हैं साइलेंट हार्ट अटैक के संकेत
आम तौर पर हार्ट अटैक आने पर सीने में दर्द और भारीपन महसूस होता है। इसी के साथ आपको हाथों, गर्दन और जबड़े में तेज दर्द महसूस होता है। ये सभी दिल के दौरे के आम संकेत हैं। अब बात करे साइलेंट हार्ट अटैक(Silent Heart Attack) की तो इसमें आपको गैस्ट्रिक प्रॉब्लम, बिना किसी कारण सुस्ती महसूस होना, अचानक ठंड़ा पसीना आना और बार-बार सांस फूलना जैसी दिक्कत हो सकती है। अगर आपको ऐसे कोई भी लक्षण नज़र आते हैं तो इन्हें नज़रअंदाज न करें।
क्या हैं साइलेंट हार्ट अटैक आने की वजह
साइलेंट हार्ट अटैक आने के आसार ज्यादा उन लोगों को हैं जो अक्सर ऑयली, फैटी और प्रोसेस्ड फूड खाते हैं। साथ ही बिजी लाइफ स्टाइल के चलते जो लोग फिजिकल एक्टिविटी नहीं कर पाते हैं। साथ ही इस अटैक का खतरा उन लोगों में सबसे ज्यादा होता है जो डायबिटीज, मोटापे, स्ट्रेस और टेंशन के शिकार होते हैं।