इन दिनों गलत खानपान और लाइफस्टाइल के चलते हमारा शरीर काफी कुछ झेलता है। हाल ये है कि, हमारे शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं और हमें समझ भी नहीं आता है। आजकल वर्क फ्रॉम होम या ऑफिस में ही घंटों बैठने के कारण मोटापा आम बात हो गई है। वहीं जंक फूड खाने से कोलेस्ट्रॉल अलग ही पूरी शरीर में गडबड़ी मचाई हुई रहती है। इन गड़बड़ियों का सीधा असर हमारे हार्ट की हेल्थ पर पड़ता है। जिसके कारण हार्ट अटैक या हार्ट फेल का खतरा बना रहता है। अब आप कहेंगी कि, हार्ट अटैक और हार्ट फेल एक ही चीज होती है। लेकिन हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक दो अलग-अलग मेडिकल कंडीशन्स हैं जो दिल के रोग से संबंधित होते हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग हैं। क्या आप जानते हैं कि, भारत में हर साल तकरीबन 13 से 14 लाख लोग दिल के मरीज हो जाते हैं। वहीं देश में कुल मौतों में से 26% भागीदारी हार्ट अटैक की है। आइए समझते हैं कि, हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक में क्या अंतर है।
हार्ट फेलियर
हार्ट फेलियर एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें हार्ट का काम करना कम हो जाता है और वह सही मात्रा में ब्लड को पंप नहीं कर पाता है। यह आमतौर पर दिल की मांसपेशियों में कमजोरी या इनके सुकड़ जाने के कारण होता है। हार्ट फेलियर के कारण शरीर के अन्य भागों में भी रक्त की कमी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित हो सकते हैं। हार्ट फेलियर के कुछ मुख्य कारण शामिल हैं: मांसपेशियों की कमजोरी, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय की वाल्व समस्याएं, लंबे समय तक बुखार या संक्रमण, औषधि या नशीली दवाओं का उपयोग आदि।
हार्ट अटैक
हार्ट अटैक, जिसे मानव शरीर में मियोकार्डियल इनफार्क्शन के रूप में भी जाना जाता है, एक बेसिक कंडीशन है जिसमें हार्ट के एक हिस्से के ब्लड सप्लाई में अचानक बंदिश या कमी होती है। यह आमतौर पर आर्टरी में चोट, थ्रोम्बोसिस, या आर्टरी के सुकड़ने के कारण होता है। इसके रिजल्ट के तौर पर, यह क्षेत्र जहां दिश होती है दवाब पड़ने लगता है , ऑक्सीजन की कमी होने के कारण इन्फार्क्ट हो जाता है, जिससे मांसपेशियों का नष्ट हो सकता है। हार्ट अटैक के कुछ मुख्य कारण शामिल हैं: धमनी की कमजोरी, अवसाद, बेहतरीन मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, आदिपोसिटी, संक्रमण, औषधि या नशीली दवाओं का उपयोग आदि।
आम भाषा में कहे तो, हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक दो अलग-अलग दिल से जुड़ी कंडीशंस हैं। हार्ट फेलियर में हार्ट का काम कमजोर होता है, जबकि हार्ट अटैक में हार्ट के एक हिस्से की ब्लड सप्लाई में कमी होने लगती है दोनों की वजह से दिल के अलग-अलग हिस्से कमजोर हो सकते हैं और इसके रिजल्ट के तौर पर अलग-अलग लक्षण और परेशानियाँ हो सकती हैं।