Corona के केस हर रोज बढ़ते जा रहे हैं। इसी के साथ बढ़ रहा है बाकी बीमारियों का खतरा। पिछले 3 सालों में कोरोना ने दुनिया में कई बदलाव किये हैं। हमारी लाइफस्टाइल से लेकर हमारी हेल्थ तक इस वायरस से प्रभावित हुई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, कोरोना वायरस ने न केवल हमारे लंग्स पर बल्कि हमारे ब्रेन पर भी काफी प्रभाव डाला है। एक रिसर्च में पाया गया है कि, सार्स-सीओवी-2 वायरस ब्रेन पर काफी प्रभाव डाल रहा है। इसका प्रभाव इतना गहरा है कि, ये पार्किंसंस रोग का रूप ले लेता है।
युवाओं में बढ़ा पार्किंसंस
रिसर्च में ये देखा गया है कि, साल 2016 में पार्किंसंस के देशभर में मरीज लगभग 6 लाख के आस पास थे। लेकिन Corona महामारी आने के बाद साल 2019 से इस बीमारी के मरीज काफी तेजी से बढ़ गए। विशेष बात यह है कि कोरोना के बाद से युवा इस रोग की चपेट में अधिक आया है।
इतने प्रतिशत बढ़ी मरीजों की संख्या
रिसर्च्स का कहना है कि, कोविड ने ब्रेन के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को सीधे तौर पर प्रभावित किया है। इस वजह से पार्किंसंस के मामले तकरीबन 2 प्रतिशत बढ़ गए हैं। ऑस्ट्रेलिया स्थित क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अध्ययन में सामने आया कि सार्स-सीओवी-2 वायरस ने ब्रेन में उसी तरह का इंफ्लामेटरी रिस्पांस बनाया, जैसा कि पार्किंसंस रोग होने पर होता है।
क्या है पार्किंसंस के लक्षण और बचाव
अगर आपको पार्किंसंस होता है तो इसमें आपको न्यूरोलॉजिकल डिसआर्डर देखने को मिलता है। इसमें आपको भ्रम होता है, मेमोरी लॉस, ढंग से अपने हाथ पैर को न चला पाना सामान्य कामकाज न कर पाना, किसी चीज को न पकड़ पाना शामिल होता है। हालांकि बचाव के लिए अभी ऐसी कोई दवा नहीं है। मगर फिर भी रेग्युलर एरोबिक व्यायाम, डाइट में एंटीऑक्सीडेट्स शामिल कर इस रोग के खतरे को कम किया जाता है।