डिप्रेशन एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति को दुख, निराशा, उदासी महसूस होती है। डिप्रेशन एक जानी मानी मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जो सामान्य जीवन क्षेत्र में अधिकांश लोगों को प्रभावित करती है। डिप्रेशन के कारण विभिन्न हो सकते हैं, जैसे जीवन के संघर्ष, संघर्षशील संबंध, परिवार और सामाजिक परेशानियां, गंभीर बीमारियां या आंतरिक रूप से हार्मोनल असंतुलन।
डिप्रेशन के लक्षण व्यक्ति के भाव-भावनात्मक अवसाद, रुचि कमी, नींद की समस्या, थकान, अधिक या कम खाना, वजन में परिवर्तन, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, निराशा और आत्महत्या के विचार हो सकते हैं।
डिप्रेशन एक गंभीर समस्या है और समय रहते उचित इलाज और सहायता आवश्यक होती है। चलिए आज जानते हैं कि, डिप्रेशन कितने प्रकार का होता है और इसके कारण क्या हैं।
मेजर Depression
मेजर डिप्रेशन, जिसे व्यापक Depression या क्लीनिकल डिप्रेशन भी कहा जाता है, डिप्रेशन का सबसे गंभीर और प्रभावी रूप है। यह एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है जिसमें व्यक्ति के जीवन के सभी क्षेत्रों को असामान्य रूप से प्रभावित करता है। मेजर डिप्रेशन व्यक्ति की रोजमर्रा की गतिविधियों, भावनाओं, विचारों, शारीरिक स्वास्थ्य और सामाजिक संबंधों पर बुरा प्रभाव डालता है। इसमें निद की समस्याएं, जैसे कि इंसोम्निया या हीपरसोमनिया, वजन कमी या बढ़ना, अपेटाइट में परिवर्तन, थकान या ऊर्जा की कमी और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई या अनियमितता जैसे लक्षण शामिल हो सकते हैं।
बाइपोलर Depression
इसमें व्यक्ति एक अवधि के दौरान उत्साह और उच्च स्वरोचित अवस्था में रह सकता है जिसे मानिचारित कहा जाता है और फिर एक या अधिक अवधि के दौरान नीचे की अवस्था (डिप्रेशन) में पड़ सकता है।
पोस्ट पार्टम डिप्रेशन
पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum Depression, PPD) एक महिला के प्रसव के बाद होने वाली मानसिक स्वास्थ्य समस्या है। यह एक डिप्रेशन का रूप होता है जो डिलेवरी के बाद महसूस होता है और धीरे-धीरे विस्तारित होता है। पोस्टपार्टम Depression मातृत्व संबंधी हार्मोनों के बदलाव, थकान, नींद की कमी, शरीरिक और भावनात्मक तनाव, और मातृत्व के साथ जुड़ी चुनौतियों के कारण हो सकता है। इसके कारण मातृत्व के पश्चात नई मां को अधिकतर समय तक उदासी, चिंता, असुरक्षा की भावना, निराशा, उत्साह की कमी, खुद की देखभाल में कमी, नींद की समस्याएं, भोजन में बदलाव, आत्महत्या या बच्चे के अपने साथ कुछ गलत होने के ख़ौफ, और अनियमित हार्मोन गतिविधियों के कारण अनुभव हो सकते हैं।
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (Seasonal Affective Disorder, SAD) एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जो मौसम के परिवर्तन के साथ संबंधित होती है। यह डिप्रेशन का एक विशेष प्रकार है जो विशेष रूप से निरंतर और समय सीमित आवृत्ति में होता है। इसमें व्यक्ति को उनके आसपास के मौसम के बदलाव के साथ-साथ उदासी, निराशा, ऊर्जा की कमी और अन्य डिप्रेशन के लक्षण होते हैं।
साइकोटिक Depression
साइकोटिक डिप्रेशन (Psychotic Depression) एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति को डिप्रेशन के साथ साथ मनोविषमता की अनुभूति भी होती है। यह एक विकलांगता पूर्ण डिप्रेशन का रूप होता है जिसमें व्यक्ति को अतीत और वास्तविकता के बीच अंतर्निहित अवस्थाओं की अनुभूति होती है।
साइकोटिक डिप्रेशन के लक्षण व्यक्ति को संवेदनशीलता, विचारों और ध्यान में गड़बड़ी, आवाज़ों को सुनना या ज़बानी अवचलन, भ्रम, अहम, अन्धकार के विचार, विचित्र या दुविधा पूर्ण विचार, और आभासी अनुभूतियां हो सकती हैं। व्यक्ति को व्यापक और तीव्र अपने अस्तित्व, आत्मविश्वास और स्वाभाविक गतिविधियों के बारे में अवसादी और खुद को कमजोर महसूस करने की अनुभूति होती है।
डिप्रेशन कई कारणों से हो सकता है। यह एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसके होने के बहुत से कारक हो सकते हैं जिनमें सामाजिक प्राकृतिक भौतिक आध्यात्मिक और बायोलॉजिक कारक शामिल हो सकते हैं।
थकान
भारी शारीरिक या मानसिक श्रम असंतुलित खानपान निद्रा की कमी या समय पर ठीक से आराम नहीं लेना इत्यादि थकाने का कारण बन सकते हैं।
तनाव
जीवन में तनाव चिंता दुःख निराशा सामाजिक और मानसिक दबाव आदि के कारण डिप्रेशन हो सकता है।
जेनेटिक फेक्टर
अगर परिवार में किसी व्यक्ति में डिप्रेशन होता है तो उसके जेनेटिक प्रभाव के कारण आप में भी डिप्रेशन हो सकता है।
रोग या संक्रामक बीमारी
कुछ रोग और संक्रामक बीमारियाँ जैसे कि हार्ट रोग कैंसर थायराइड प्रॉब्लम्स हॉर्मोनल असंतुलन डायबिटीस आदि डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं।
नशीली चीजों का सेवन
शराब नशीली दवाएं मादक पदार्थ तंबाकू आदि का नियमित सेवन भी डिप्रेशन के कारणों में शामिल हो सकता है।