साउथ सिनेमा में डायरेक्शन क्षेत्र में राजमौली आज सबसे बड़ा नाम हैं। उन्होंने इस मुकाम पर पहुंचकर अपने माता-पिता के सपने को जीवंत किया। पेरेंट्स चाहते थे कि एसएस राजामौली (ss rajamouli) डायरेक्टर बनें और उनकी उम्मीदों पर खरा भी उतरे। 23 साल के डायरेक्शन कॅरियर में राजामौली ने 12 फिल्में की है ये सभी फिल्में हिट भी रही हैं। 12 में से 11 फिल्मों में उन्होंने स्क्रीन राइटर का काम भी किया है। आज राजामौली अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। आइए उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनके जीवन से कुछ अनजानी बातें।
पेरेंट्स की उम्मीद पर खरा उतरे राजामौली
राजामौली का जन्म 10 अक्टूबर 1973 को मैसूर जिले के एक तेलुगु फैमिली में हुआ था। उनके पिता वी. विजेन्द्र प्रसाद साउथ इंडस्ट्री के जाने-माने स्क्रीन राइटर और डायरेक्टर और उनकी मां राजा नंदिनी हाउस वाइफ हैं। राजामौली को बचपन से ही कहानियां सुनना बहुत पसंद और फिल्में देखना बहुत पसंद था। उन्हें बचपन में किताबें पढ़ने का भी जबरदस्त शौक था और अपने दोस्तों को अपनी देखी फिल्में और पढ़ी हुई कहानियों की स्टोरी सुनाता था।
यहीं सब चीजों ने आगे चलकर राजामौली के निर्देशक बनने में मदद की है। उनके पेरेंट्स का सपना था कि बड़ा होकर राजामौली डायरेक्शन में अपना कॅरियर बनाएं और उन्होंने ऐसा ही किया और वो आज साउथ के सबसे बड़े डायरेक्टर हैं। राजामौली ने ना सिर्फ फिल्मों से खूब पैसा बनाया है बल्कि साउथ इंडस्ट्री को कई सुपरस्टार्स भी दिए हैं।
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फिल्मों के जुनून ने परिवार की बिकवाई जमीन
राजमौली के पिता और चाचा को फिल्म मेकिंग का जुनून सवार था। उनके परिवार के पास 360 एकड़ जमीन थी। फिल्मी जुनून के सपने को पूरा करने के लिए पिता और चाचा ने मिलकर जमीन का बहुत सारा हिस्सा बेच दिया और कई फिल्में बनाई, लेकिन अधिकतर फिल्में फ्लॉप हो गईं। इसके चलते परिवार आर्थिक तंगी से जूझता रहा है और हालात ये थे कि 13 लोगों को सिर्फ 2 कैमरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
पहली ही फिल्म सुपरहिट रही
राजामौली ने शुरुआत में कुछ कॉमर्शियल और एड फिल्में डायरेक्ट की थीं। फिर उन्होंने 2001 में तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था। उन्होंने अपने डायरेक्शन में पहली फिल्म ‘स्टूडेंट नं 1’ बनाई और यह सुपरहिट साबित हुई। इस फिल्म हीरो के हीरो जूनियर NTR की की यह पहली सुपरहिट फिल्म थी। 1.80 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 12.09 करोड़ रुपए की कमाई की। इसके बाद 2004 में राजामौली ने नितिन और जेनेलिया डिसूजा को लेकर 8 करोड़ के बजट में फिल्म बनाई। इस फिल्म ने 13 करोड़ रुपए का बिजनेस किया।
एक हजार दिन थिएटर में चली ‘मगधीरा’
2006 में आई राजामौली की फिल्म ‘विक्रमार्कुदु’ उनकी जिंदगी का सबसे टर्निंग पॉइंट साबित हुई। रवि तेजा स्टारर इस फिल्म को कन्नड़, तमिल और हिंदी (राउडी राठोड़) में रीमेक किया गया। 2009 में आई फिल्म ‘मगधीरा’ ने राजामौली को साउथ इंडस्ट्री में विशेष पहचान दिलाई। 35 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 150 करोड़ रुपए कारोबार किया। ये फिल्म एक हजार दिनों तक सिनेमाघरों में लगी रही थी। ये साउथ इंडस्ट्री की सबसे हिट फिल्म रही थी।
‘बाहुबली’ ने रच डाला इतिहास
साल 2015 में राजामौली की फिल्म ‘बाहुबली’ ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के मामले में इतिहास रच दिया। इस फिल्म ने राजामौली को दुनियाभर में पहचान दिलाई। फिल्म ने रिलीज के पहले ही दिन दुनियाभर में 75 करोड़ रुपए की कमाई की थी। फिल्म ने दुनियाभर में 650 करोड़ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया था, जबकि इसके दूसरे पार्ट ‘बाहुबली : द कन्क्लूजन (2017)’ ने 1800 करोड़ रुपए की कमाई कर नया रिकॉर्ड बनाया था।
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राजामौली की फिल्म के गाने को मिला ऑस्कर
राजमौली की 12वीं फिल्म ‘RRR’ के गाने नाटू-नाटू ने ऑस्कर अवॉर्ड भी अपने नाम किया है।
कॅरियर के पीक पर की तलाकशुदा से शादी
राजामौली ने अपने कॅरियर के पीक पर साल 2001 में रमा से शादी की थी। रमा की यू दूसरी शादी थी। पहली शादी से उनके एक बच्चा भी था। 2000 में रमा ने पहले पति से तलाक ले लिया था। राजौमोली पहले से ही रमा को जानते थे और बुरे वक्त में उनका साथ दिया और फिर हाथ थाम लिया।
1000 करोड़ के मालिक हैं राजामौली
राजामौली के कुल नेटवर्थ की बात करें तो आज वह 1000 करोड़ रुपए के मालिक हैं। वो एक फिल्म के लिए 200 करोड़ रुपए की फीस लेते हैं। इस तरह से वो भारत के सबसे महंगे डायरेक्टर हैं।