नई दिल्ली। अगर आप पेट्रोल या डीजल का कोई टू व्हीलर हो या फॉर व्हीलर वाहन चलाते हैं तो तेल डलवाते वक्त कुछ बातें ध्यान रखें, वरना आपको लाखों रुपए का चूना लग जाएगा। अक्सर पेट्रोल पंपों पर तेल चोरी होना बात आम हो चली है। ऐसे में लोग पेट्रोल भराते समय सिर्फ जीरो पर ही ध्यान देते हैं, जिससे की उनके वाहन में पेट्रोल की चोरी ना हो सकें। क्या आपने कभी सोचा है कि जीरो के अलावा भी आपके वाहनों में पेट्रोल की चोरी की जाती है, अगर आपको पता नहीं है तो बता दें कि पेट्रोल भराते समय तेल की शुद्धता पर भी जरूर ध्यान देना चाहिए। ऐसे बहुत कम लोग है, जो पेट्रोल की डेसिंटी पर ध्यान देते हैं।
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सरकार ने पेट्रोल और डीजल की शुद्धता के लिए कुछ मानक तय कर रखे हैं। इस मानक के पूरा ना होने पर ही लोग पेट्रोल-डीजल के फ्रॉड का शिकार होते हैं। पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल की क्वालिटी के साथ-साथ तेल की डेसिंटी में भी छेड़छाड़ की जाती है। इसलिए जीरो पर ध्यान देने के साथ-साथ तेल की शुद्धता को जरूर चेक कर लें, नहीं तो आपके वाहन को नुकसान हो सकता है और आपको पैसे का भी नुकसान होगा।
ऐसे चैक करें पेट्रोल-डीजल की डेंसिटी
पेट्रोल-डीजल भराते समय आप कई बार ये सोचते होंगे कि कहीं तेल में मिलावट तो नहीं है। लेकिन इसके बाद भी आप इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। जबकि सरकार ने तेल की शुद्धता के मानक तय कर रखे हैं। इसके जरिए आप तेल की शुद्धता की जांच कर सकते हैं। इसमें पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800km/M3 (किलोग्राम/क्यूबीक मीटर) है और डीजल की डेंसिटी मानक 830 से 900 किलोग्राम/M3 है। वैसे तो रेंज फिक्स नहीं है क्योंकि पेट्रोल और डीजल की डेंसिटी तापमान के हिसाब से बदलती रहती है।
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कैसे चेक करें पेट्रोल-डीजल की शुद्धता?
आप खुद भी पेट्रोल-डीजल की शुद्धता की जांच कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक फिल्टर पेपर चाहिए, फिल्टर पेपर पर तेल की दो बूंदे डाल दें। फिल्टर पेपर से बूंद सुखने के बाद अगर फिल्टर पेपर पर गहरा दाग रह जाता है, तो समझ जाइए कि तेल मिलावटी है। इसके बाद भी आपको शक है तो आप डेंसिटी जार से इसकी जांच करा सकते हैं। अगर आप पेट्रोल-डीजल में मिलावट पाते हैं तो आप उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत आप अपने पेट्रोल-डीजल की मिलावट की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।