नई दिल्ली। सब्जी की खेती करने वाले किसानों के लिए साल 2023 बड़ी खुशियां लेकर आया है तो आम इंसान की थाली से टमाटर, अदरक और मीर्ची का स्वाद गायब हो गया है। पिछले करीब दो महीनों में सब्जी के भाव आसमान छू रहे हैं। टमाटर के भाव 250 रुपए प्रति किलो के पार जा चुके हैं तो रसोई के मसाले भी ड्राईफ्रूट्स से महंगे मिल रहे हैं। अब प्याज आम इंसान को रुलाने की तैयारी में है। प्याज की आपूर्ति में हो रही कमी को देखते हुए बाजार में इसके भाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इसके भाव अगले महीने के अंत तक 60-70 रुपए प्रति किलो के पार जा सकते हैं। हालांकि, अक्टूबर से खरीफ की आवक शुरू होने पर प्याज की आपूर्ति बेहतर होगी, जिससे कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्यज की डिमांड ज्यादा और आपूर्ति कम हो रही है। इसके चलते सितंबर शुरुआत में प्याज की कीमतें आम आदमी को रुला सकती हैं। प्याज की कीमतें 60-70 रुपए के पार पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, 2020 में उच्चतम स्तर से नीचे रहेगी।
क्या कहती हैं रिपोर्ट?
रिपोर्ट्स की मानें रबी सीजन के प्याज के भंडारण और उपयोग की अवधि एक-दो महीने कम होने और इस साल की फरवरी-मार्च में घबराहट के कारण बिकवाली से खुले बाजार में रबी स्टॉक में सितंबर की बजाय अगस्त के अंत तक काफी गिरावट आने की आशंका है। इससे प्याज की खपत में बढ़ोतरी होगी। रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में खरीफ की फैसल की आवक शुरू होने से प्याज की आपूर्ति बेहतर होगी, जिससे कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि त्यौहारी महीनों में कीमतों में उतार-चढ़ाव दूर होने की उम्मीद है।
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कीमतें गिरने से कम बुआई
इस साल जनवरी-मई के दौरान प्याज की कीमतों में गिरावट से उभोक्ताओं को कुछ राहत मिली। हालांकि, खरीफ मौसम में किसानों प्याज की बुवाई कम ही की है। इससे प्याज के उत्पादन में 5 प्रतिशत तक गिरावट आने की उम्मीद जताई जा रही है। वार्षिक उत्पादन 2.9 करोड़ टन होने की उम्मीद है। यह पिछले 5 साल के औसत उत्पादन से 7% प्रतिशत से अधिक है। इसलिए कम खरीफ और रबी उत्पादन के बावजूद इस वर्ष आपूर्ति में बड़ी कमी की संभावना नहीं है। हालांकि, अगस्त और सितंबर में बारिश प्याज की फसल और उसके विकास को निर्धारित करेगी।