स्ट्राबेरी और राजस्थान जैसे गर्म प्रदेश में, इसी को संभव बनाया है सांभर उपखण्ड की ग्राम पंचायत कालख के घाटलोई के गंगाराम सेपट और उनकी पत्नी सुमन सेपट ने। वे ऐसी विदेशी सब्जियां उगाने में कामयाब हुए जो यहां की गर्म जलवायु में उगाना मुश्किल था। उन्होनें स्ट्राबेरी की जैविक खेती मे नवाचार कर अच्छा मुनाफा लिया और दूसरे किसानों को प्रेरित किया है। इससे वे सालाना बीस लाख रुपए कमा रहे हैं।
राजस्थान सरकार ने उन्हें प्रेरक किसान का पुरस्कार दिया है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें एक लाख रूपए की राशि और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। यह दंपती पोस्ट ग्रेजुएट है। गंगाराम सरकारी स्कूल में टीचर थे लेकिन फॉर्मिंग में नया करने की लगन के कारण इन्होंने नौकरी छोड़कर कालख में मॉर्डन फार्मिंग का एक खास मॉडल तैयार किया। इनका यह मॉर्डन फार्म 50 बीघा में है और ये पॉली हाउस में विदेशी सब्जियों तथा स्ट्रॉबेरी की खेती कर सालाना 20-30 लाख का मुनाफा ले रहे हैं।
यह भी पढ़ें: आप अपनी Life Insurance Policy पर भी ले सकते हैं Loan, इन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ेगी
गंगाराम बताते हैं, झालावाड में मैंने मेरे एक किसान मित्र को स्ट्राबेरी की खेती करते देखा तो समझ आया कि जयपुर मेट्रो सिटी है और यहां इसके लिए बड़ा मार्केट मिल सकता है। इसलिए पहले ट्रायल बेस पर मैंने स्ट्राबेरी लगाई और फिर पूरी जानकारी हासिल करके मैंने पुणे से टिश्यू कल्चर वाले स्ट्राबेरी के 5000 पौधे मंगाकर एक बीघा जमीन पर लगाया। पौधे तेज धूप की वजह से खराब न हो इसके लिए लो टनल लगवाई और टेंपरेचर मेंटेन किया
जयपुर में स्ट्राबेरी लगी, लोगों को नहीं हुआ यकीन
मार्केट में इन्हें ले जाने पर लोग पूछते थे कि कहां से मंगाया है ये फल आपने, जब मैं उन्हें बताता था कि ये मेरे खेत में लगे हैं तो उन्हेंविश्वास नहीं होता था। एक बार प्रदेश के कृषि मंत्री हमारे पड़ोस के गांव में आए थे तब मैंने उन्हें अपने खेत पर विजिट करने को निवेदन किया। इसके बाद ही लोगों को भरोसा हुआ कि ये हमारे छोटे से गांव कालख में मेरे ही खेत पर लगी हैं।
यह भी पढ़ें: LIC Jeevan Umang Policy: सिर्फ 44 रुपए जमा करवाकर 27 लाख रुपए पाएं, ये है पूरी डिटेल्स
अच्छी फसल के लिए मधुमक्खी पालन भी किया
अच्छी क्वालिटी की स्ट्राबेरी लेने के लिए गंगाराम ने अपने खेत पर मधुमक्खी पालन शुरू किया। इससे परागण अच्छा होता है और फलों की क्वालिटी के साथ उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है। वे हर साल लगभग डेढ़ लाख रूपए की स्ट्राबेरी का उत्पादन करते हैं इसके साथ-साथ वे ब्रोकली, लेटयूस, खीरा, मिर्च, स्वीट कॉर्न और टिडें की भी फसल लेते हैं।
गंगाराम सेपट कहते हैं, खेती अच्छा व्यवसाय है। युवाओं को केवल सरकारी नौकरियों र डिपेंड नहीं रहना चाहिए, वे खेती में नवाचार करके अपना खुद का काम शुरू कर सकते हैं। जैविक खेती अच्छा माध्यम है और बडी संख्या में युवाओं को इससे जुड़ने के लिए आगे आना चाहिए।