नई दिल्ली। पीएम मोदी सरकार किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि समेत अनेक योजनाएं चला रही हैं। इस बीच पिछले दिनों मौसम खराब होने के चलते बरसात से किसानों के गेहूं की फसल खराब होने पर काफी नुकसान हुआ है। अब किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार ने नया फैसला किया है। केंद्र सरकार ने पंजाब, चडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं खरीद के गुणवत्ता के नियमों में ढील दी है। यह जानकारी सरकारी सूत्रों ने दी है।
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ओलावृष्टि से खराब हुई गेहूं की फसल
राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और चडीगढ़ में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के चलते गेहूं की खड़ी फसल को खूब नुकसान हुआ। इन राज्यों में सरकार की तरफ से खरीद नियमों में ढील देने की मांग की गई थी। मौजूदा समय में मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद चल रही है, जबकि अन्य राज्यों में बेमौसम बारिश के कारण इसमें देरी हुई है। एफसीआई (FCI) राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर गेहूं की खरीद करता है।
गुणवत्ता में दी ढील
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने बताया, ‘क्षेत्रीय सर्वेक्षण के बाद पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडो में ढील दी है। ताकि किसानों को कठिनाईयों से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने छह प्रतिशत की मौजूदा सीमा के मुकाबले 18 प्रतिशत तक सिकुड़े और टूटे हुए अनाज की सीमा में छूट दी है। उन्होंने कहा कि 6 प्रतिशत तक सूखे और टूटे अनाज वाले गेहूं का कोई मूल्य कटौती लागू नहीं होगी।’
गेहूं के दामों में नहीं कटौती
10 प्रतिशत तक बगैर चमक वाले गेहूं पर मूल्य कटौती लागू नहीं हेागी। 10 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक चमक हानि वाले गेहूं पर एक समान आधार पर 5.31 रुपए प्रति क्विंटल की मूल्य कटौती की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा क्षतिग्रस्त और थोड़ा क्षतिग्रस्त अनाज दोनों को मिलाकर 6 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। सिंह ने कहा कि भंडारण के दौरान शिथिल मानदंडों के तहत खरीदे गए गेहूं के स्टॉक की गुणवत्ता में कोई गिरावट की राज्य सरकारों की पूरी जिम्मेदारी होगी।
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10 अप्रैल तक 13.20 लाख टन गेहूं की खरीद
केंद्र ने मौसम से प्रभावित हुए किसानों को भुगतान करते समय 2,125 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य से लगाए गए मूल्य में कटौती करने को कहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इसी तरह की मांग पर विचार कर रहा है। सरकार ने 10 अप्रैल तक 13.20 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है, जिसमें ज्यादातर खरीद मध्य प्रदेश से की गई है। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इसी अवधि में पंजाब के करीब 1,000 टन जबकि हरियाणा में 88,000 टन गेहूं की खरीद हुई है।