भारत में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें लगातार नित नए प्रयास करती रहती हैं। ऐसे में अब देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने को लेकर सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने एक तरफ पटाखों पर रोक लगा दी है तो दूसरी तरफ यह नियम भी बना दिया है कि बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा।
19 लाख वाहनों पर मंडरा रहा है खतरा
अब दिल्ली सरकार ने एक अन्य आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिन व्हीकल्स के पास पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (PUC) नहीं है, उनका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सस्पेंड किया जा सकता है। यही नहीं सरकार ने इस संबंध में कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
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दिल्ली परिवहन विभाग ने ऐसे सभी वाहन मालिकों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है जिनके पास वैध पीयूसी नहीं है। उन्हें पीयूसी सर्टिफिकेट लेने के लिए एक सप्ताह की अवधि देते हुए चेतावनी दी गई है कि यदि वह तय समय सीमा में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं लेते हैं तो उनका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट संस्पेंड किया जा सकता है।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों के अनुसार राजधानी में लगभग 19 लाख वाहनों के पास वैध पीयूसी नहीं है। वर्तमान में ऐसी कोई तकनीक भी नहीं है जिसके जरिए जाना जा सके कि किन व्हीकल्स के पास वैध पीयूसी सर्टिफिकेट है और किनके पास नहीं। इसीलिए सरकार ने यह आदेश निकाले हैं।
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बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल
इस संबंध में 25 अक्टूबर से पेट्रोल-पंप पर बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के पेट्रोल-डीजल देना भी बंद कर दिया गया है। यही नहीं, सरकार ने इस कदम को सख्ती से लागू करने के लिए उड़नदस्तों का भी गठन किया है जो वाहनों को रोक कर उनकी जांच कर रहे हैं और जिनके पास PUC नहीं है, उन पर जुर्माना लगा रहे हैं।
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क्या होता है वाहन पॉल्यूशन सर्टिफिकेट
यह एक सर्टिफिकेट होता है जिसे लेना देश में प्रत्येक वाहन के लिए अनिवार्य है। एक मशीन के जरिए गाड़ी से निकलने वाले धुएं की जांच कर उसमें मौजूद हानिकारक पदार्थों की मात्रा मापी जाती है और यदि वह एक निर्धारित तय सीमा में है तो उस वाहन को रोड़ पर चलाया जा सकता है। पीयूसी सर्टिफिकेट यही काम करता है कि वह उस गाड़ी के धुएं से निकलने वाले हानिकारक सब्सटेंस की मौजूदगी और उनकी मात्रा बताता है।