बीते कुछ महीनों में लोन की ब्याज दर में अधिक बढ़ोतरी हुई है, जिसकी वजह से कुछ कर्जदार रिटायरमेंट तक लोन की मंथली ईएमआई (Monthly EMI) भरने को मजबूर हैं। अक्सर देखा जाता है कि लोन का ब्याज बढ़ने पर बैंक अपने ग्राहकों को 2 विकल्प देता हैं या तो अपने लोग की ईएमआई बढ़ा सकते हैं या फिर टेन्योर में इजाफा कर सकते हैं।
टेन्योर में बढ़ोतरी का मतलब है कि लोग ज्यादा समय तक भरना होता है और लोगों को ज्यादा ब्याज का भुगतान करना पड़ता है। कर्जदाताओं की इस परेशानी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में होम लोन लेने वालों के लिए नया नियम लेकर आया है। आइए जानते हैं आरबीआई के नए नियम के बारे में, जो आपकी मदद करता है और कितने तक की बचत कर सकता है।
समयअवधि बढ़ने पर भी होगी
रेपो दर दर बढ़ने पर बैंक लोग भी बढ़ जाता है। ग्राहकों को इस बोझ से बचने के लिए टेन्योर बढ़ाने का आप्शन होता है, लेकिन यदि आप समयाअवधि बढ़ाते हैं तो आपको ज्यादा रकम चुकाना पड़ सकता है, लेकिन यदि आप टेन्योर बढ़ाते हैं तो आपको ज्यादा लागत चुकाना पड़ सकता है।
RBI ने जारी किए नए आदेश
बता दें कि 18 अगस्त 2023 को जारी एक अधिसूचना में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कर्जदाताओं से कहा है कि वो ग्राहकों को या तो ईएमआई बढ़ाने या लोन अवधि बढ़ाने का आप्शन प्रदान करें। इसके अतिरिक्त लोन रिपेमेंट करते वक्त होम लोन का रीसेट करने या कम ब्याज पर स्विच करने का आप्शन देना चाहिए।
RBI का नया नियम कैसे करेगा ग्राहक की मदद
यदि किसी व्यक्ति ने 2020 में 20 साल के लिए 7% ब्याज पर 1 करोड़ रुपए का होम लोन लिया था। उस वक्त आपकी महीने की ईएमआई 77530 रुपए थी। ऐसे में कुल ब्याज 86.08 लाख रुपए होगा। अगर 3 साल बाद ब्याज की राशी बढ़कर 9.25% हो जाती है तो 20 साल के भीतर लोन खत्म करने के लिए आपको 89956 रुपये महीने का भुगतान करना होगा और कुल 1.11 करोड़ रुपये का भुगतान होगा।
ऐसे बचाएं 66 लाख रुपए
यदि आप समयअवधि बढ़ाते हैं तो आपको 321 महीने या 26 साल और 10 महीने तक हर महीने 77530 रुपये देने होंगे। इसका मतलब आपको कुल 1.77 करोड़ रुपये चुकाने होगे। ऐसे में आपको 66 लाख ज्यादा का भुगतान करना पड़ेगा। इस प्रकार आप अपनी ईएमआई बढ़ाकर इस राशि को बचा सकते हैं।