जयपुर। यहां शासन सचिवालय के पास स्थित योजना भवन (Yojana Bhavan) में शुक्रवार रात फाइलों के डिजिटलीकरण करने के काम को लेकर कई दिनों से बंद पड़ी एक अलमारी से 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 500 रुपए और 1 किलो सोने के बिस्कुट बरामद हुए। इससे प्रशासन व पुलिस में हड़कंप मच गया। मामले का खुलासा होने के बाद मुख्य सचिव उषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा, एडीजी क्राइम दिनेश एमएन और पुलिस कमिश्रनर आनंद श्रीवास्तव ने शॉर्ट नोटिस पर सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई।
इसमें रात 11 बजे पुलिस कमिश्रनर श्रीवास्तव ने कहा कि आयोजना भवन के डीओआईटी डिपार्टमेंट के बेसमेंट से यह राशि बरामद हुई है। यह राशि आधार कार्ड के कामकाज देखने वाले यूआईडी विभाग की अलमारी में रखे हुए थे। लैपटॉप बैग और ट्रॉली वाले सूटकेस से यह पैसा और सोना निकला। इसमें 500 और 2000 रुपए के नोट और सोना बिस्कुट के रूप में मिला। अब इस रकम और अलमारी के जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं हैं।
कई दिनों से नहीं मिल रही थी चाबी
पुलिस कमिश्रनर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि सचिवालय में फाइलों को स्कैन कर डिजिटल करने का काम चल रहा है। इसी के तहत डीओआईटी के यूआईटी विभाग की फाइल भी स्कैन होनी थी। सैकड़ों अलमारियों में रखी फाइलों को स्कैन किया जा चुका है, जबकि यूआईटी विभाग के बेसमेंट में रखी दो अलमारियों की चाबी कई दिनों से नहीं मिल रही थी।
एक अलमारी से निकली फाइलें, दूसरी से रकम
श्रीवास्तव के अनुसार जब अलमारियों को खुलवाया गया तो एक अलमारी से फाइलें निकली तथा दूसरी से एक लैपटॉप बैग व ट्रॉली वाला सूटकेस निकला। इन्हें खोलकर देखा तो इसमें से ये रकम निकली। जिसे देखते ही कर्मचारियों के हाथ पैर फूल गए। डीओआईटी के एडि. डायरेक्टर महेश गुप्ता ने पहले मुख्य सचिव और फिर पुलिस को जानकारी दी। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में कौन लोग लिप्त हैं अभी इसका खुलासा नहीं हो सका है।
सात से आठ कर्मचारियों से पूछताछ कर रही पुलिस
पुलिस 7-8 कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। साथ ही, सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। पुलिस इस पहलू पर जांच कर रही है कि किस कर्मचारी की एक्से यहां तक थी और कौन इसके मेंटनेंस और चाबी रखने की जिम्मेदारी संभालते थे। हालांकि मामले में किसी बड़े अधिकारी का हाथ हो सकता है। पुलिस इस पहलू को भी ध्यान में रखकर जांच कर रही है।
किसी बड़े अधिकारी के जुड़े होने की आशंका!
शॉर्ट टर्म में और रात 11 बजे अचानक मुख्य सचिव और डीजीपी की ओर सेप्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने के बाद ब्यूरोक्रेसी में चर्चा है कि इसके पीछे के किसी बड़े अफसर का हाथ भी हो सकता है। यह रकम किसी अफसर की भ्रष्टाचार या अवैध तरीके से कमाई की हो सकती है। जिसे छापे के डर से यहां रखा गया है। हालांकि अभी यह जांच का विषय है कि आखिरी बार इस अलमारी की चाबी किसके पास थी और यह स्थल किस अधिकारी के जिम्मे था।