बीते महीने मार्च जयपुर में वीरांगनाओं के प्रदर्शन के दौरान आंदोलन में सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ हुए पुलिस के दुर्व्यवहार का मामला बेहद तेजी से उछला था। इस मामले में राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने अब सरकार को आंख दिखाई है। इस पूरे मामले में जनजाति आयोग ने सीएस उषा शर्मा और राजस्थान डीजीपी उमेश मिश्रा को तलब किया है। इन दोनों से आयोग ने 24 मई को 12:30 बजे कार्यालय में मौजूद होने के निर्देश दिए हैं।
किरोड़ी लाल मीणा ने अपने साथ हुए इस व्यवहार को लेकर जनजाति आयोग में शिकायत दी थी। जिस पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया और मुख्य सचिव उषा शर्मा डीजीपी को कार्यालय में हाजिर होने के निर्देश दिए। इसके साथ ही आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी को कहा है कि अगर उन्होंने इस आदेश का पालन नहीं किया तो फिर उन पर संविधान के अनुसार कार्रवाई करनी पड़ेगी।
ये था मामला
बता दें कि बीते मार्च को वीरांगनाओं का प्रदर्शन अपने चरम पर था। किरोड़ी लाल मीणा मुख्यमंत्री से वीरांगनाओं को मिलवाने के लिए विधानसभा लेकर जा रहे थे लेकिन पुलिस उन्हें विधानसभा से हटा दिया था और किरोड़ी लाल मीणा और पुलिसकर्मियों में काफी कहासुनी हो गई इसका वीडियो भी सामने आया था। किरोड़ी लाल मीणा इसके बाद शहीद स्मारक पर वीरांगना के साथ धरना देने बैठ गए थे। 4 दिन तक शहीद स्मारक पर ही बैठे रहे। इसके बाद वीरांगना सचिन पायलट के घर के बाहर बैठ गईं लेकिन फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
3 दिन बैठने के बाद पुलिस ने वीरांगनाओं को देर रात किरोड़ी लाल मीणा की गैरमौजूदगी में वहां से उठा लिया और उनके उनके घर को रवाना कर दिया। इसे लेकर किरोड़ी में आक्रोश भड़क गया। किरोड़ी लाल मीणा वीरांगना के लापता होने को लेकर विरोध करने लगे और सामोद थाने में उनके समर्थकों को लॉकअप में बंद रखा गया था वहां थाने के सामने भी वे धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद सामोद थाने के पास पुलिस वालों ने किरोड़ी लाल मीणा से हाथापाई तक की। जिसमें किरोड़ी लाल मीणा को काफी चोटें भी आई थीं। गंभीर चोट आने के बाद किरोड़ी लाल मीणा को एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। तीन-चार दिनों तक यहां भर्ती होने के बाद किरोड़ी लाल मीणा को दिल्ली एम्स रेफर कर दिया गया था।