इम्फाल। मणिपुर में आदिवासी समुदाय के आंदोलन (Manipur Violence) के दौरान भड़की हिंसा से हालात अब बेहद संवेदनशील हो गए हैं। असम राइफल्स और भारतीय सेना के ज्वाइंट ऑपरेशन के तहत रातभर इन संवेदनशील इलाकों से करीब 7500 लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंच दिया गया है। अभी भी ये रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। इधर बॉक्सर और पूर्व सांसद एमसी मैरीकॉम ने केंद्र और राज्य सरकार के अपने गृह राज्य में भड़की हिंसा को लेकर शांति-सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने की अपील की है। तो गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह से फोन पर बात कर पल-पल की अपडेट ली है और अब सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं।
एमसी मैरीकॉम ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि मणिपुर के हालात मुझे ठीक नहीं लग रहे हैं। बीती रात से स्थिति बिगड़ी हुई है। मैं राज्य और केंद्र सरकार से स्थिति के लिए कदम उठाने और राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की अपील करती हूं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस हिंसा में कुछ लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया। यह स्थिति जल्द से जल्द सामान्य होनी चाहिए।
दो वर्गों के बीच गलतफहमी से भड़की हिंसा
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने ताजा जारी हुए बयान में कहा कि 24 घंटे के बाद से कुछ जगहों पर झड़प और तोड़-फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। ये घटनाएं हमारे समाज के दो वर्गों के बीच प्रचलित गलतफहमी का परिणाम हैं। राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठा रही है।
अमित शाह कर रहे हैं मॉनिटरिंग
इधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात की है और राज्य में स्थिति का जायजा लिया है, जहां जनजातीय समूहों की ओर से कई जिलों में रैलियां निकालने के बाद कानून व्यवस्था बाधित हुई है। RAF की कुछ कंपनियों को राज्य में भेजा गया है, हालांकि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त संख्या में सेना और अर्धसैनिक बल पहले से ही वहां तैनात हैं।
भारतीय सेना और असम राइफल्स ने मणिपुर में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए रात भर सभी समुदायों के 7,500 से अधिक नागरिकों को निकाल लिया गया है। अभी भी यह अभियान जारी है।
5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद
इधर मणिपुर में 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है जिससे युवाओं, विभिन्न समुदायों के स्वयंसेवकों के बीच लड़ाई की घटनाओं के बीच और ज्यादा हालात खराब नो हो। बता दें कि ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) मणिपुर द्वारा मेइतेई या मीतेई को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में एक रैली का आयोजन किया गया था।जिसके दौरान हिंसा भड़क गई थी।