वॉशिंगटन। एलियंस की खोज को लेकर कई तरह के दावे किए जा चुके हैं। अगर किसी दिन वैज्ञानिकों और एलियंस के बीच संपर्क स्थापित हो जाता है तो यह आश्चर्य की बात नहीं होगी। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों की एक टीम का मानना है कि एलियंस 2029 तक पृथ्वी से संपर्क कर सकते हैं। साल 2002 में नासा ने डेटा भेजने और कम्युनिकेशन स्थापित करने के लिए एक नियमित प्रोटोकॉल में पायनियर 10 प्रोब के लिए रेडियो तरंगें भेजी थीं। यह सिग्नल हमारे प्लैनेट से करीब 27 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद एक तारे तक भी पहुंचा था। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस सिग्नल को एलियंस ने इंटरसेप्ट किया था, जो अपना जवाब पृथ्वी पर वापस भेज सकते हैं।
2029 में आएगा जवाब
टीमों ने निर्धारित किया कि वॉयेजर 2, पायनियर 10 व 11 के प्रसारण पहले ही कम से कम एक सितारे तक पहुंच चुके हैं। पायनियर 10 का ट्रांसमिशन 2002 में एक सफेद बौने तारे तक पहुंचा था। अन्य सिग्नल 2313 तक 222 तारों के साथ टकराएंगे। टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हम ‘सबसे जल्दी’ 2029 में ट्रांसमिशन के वापस आने की उम्मीद कर सकते हैं। वॉयेजर 1 और न्यू होरिजन्स के सिग्नल निकट भविष्य में अपने पहले सितारों तक पहुंच चुके हैं।
डीप स्टेशन नेटवर्क का किया इस्तेमाल
इस अध्ययन में पृथ्वी से वॉयेजर 1 व 2, पायनियर 10 और 11 तथा न्यू होरिजन्स को भेजे गए सिग्नल का इस्तेमाल किया गया। इसके माध्यम से वैज्ञानिकों ने मैपिंग की कि ब्रह्मांड में भेजे जाने पर सिग्नल कहां फैल सकते हैं। एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिक डेटा और टेलीमेट्री डेटा डाउनलोड करने के लिए इन अंतरिक्ष यानों ने डीप स्टेशन नेटवर्क (डीएसएन) रेडियो एंटीना के साथ संचार किया है।