जोधपुर में CRPF प्रशिक्षण केंद्र में जवान के आत्महत्या मामले में आखिरकार परिजनों औऱ अधिकारियों में सफल बातचीत हुई। इसके लिए आज CRPF ADG रश्मि शुक्ला ने जोधपुर आकर मृतक जवान के परिवारीजनों से बात की। इससे पहले उन्होंने सर्किट हाउस में पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ और CRPF अधिकारियों से चर्चा की। CRPF IG विक्रम सहगल की मौजूदगी में नरेश जाट के परिवार के साथ बातचीत पर सहमति बनी। वहीं अब 4 दिन बाद नरेश जाट का शव अपने पैतृक गांव पाली के राजोला ले जाया जा सकता है।
25 लाख रुपए का मिलेगा मुआवजा
ADG रश्मि शुक्ला के साथ हुई बातचीत में यह तय हुआ कि नरेश जाट के परिवार को 25 लाख रुपए का चेक मुआवजे क रूप में दिया जाएगा। इसके अलावा मृतक की पत्नी को अनुकंपा के तहत नौकरी मिलेगी। वहीं मृतक जवान की बेटी की निशुल्क पढ़ाई पर भी सहमति बनी है। दोषियो पर कार्रवाई करन के मामले में ADG रश्मि शुक्ला का कहना है कि इस मामले की ADG स्तर पर जांच की जाएगी। जिसके बाद नरेश जाट के परिवार वालों ने धरना खत्म करने की हामी भरी।
मौत के 4 दिन बाद उठाया जाएगा शव
नरेश जाट के आत्महत्या करने के बाद उसके परिवारीजन महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए थे। वे लगातार दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। परिजनों के इस विरोध प्रदर्शन में सासंद हनुमान बेनीवाल ने भी साथ दिया। उन्होंने CRPF के IG औऱ DIG को हटाने की मांग की थी। वहीं आज हनुमान बेनीवाल ने ADG ट्रेनिंग रश्मि शुक्ला से मुलाकात की औऱ अपनी मांगों को उनके सामने रखा।
पत्नी-बेटी को बंधक बनाकर की थी आत्महत्या
दरअसल जोधपुर में CRPF जवान ने 10 जुलाई की शाम को अपनी पत्नी और बेटी को बंधक बना लिया था औऱ खुद भी क्वार्टर में बंद हो गया था। लगभग 18 घंटे के बाद आखिर उसने खुद को गोली मार ली, जिससे उसकी मौते पर ही मौत हो गई। इससे पहले वह बार-बार बालकनी में आकर बाहर हवाई फायरिंग करता रहा था। इससे पहले करीब 17 घंटों तक उसने न किसी से फोन पर बात की और न ही किसी अधिकारी के समझाने पर उनकी बात मानी। पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ ने इसकी पुष्टि कर दी है। उन्होंने कहा कि नरेश जाट न खुद को ठोडी के नीचे गोली मार ली, जिससे उसकी मौत हो गई।
छुट्टी न मिलने से परेशान था नरेश
एक CRPF जवान की इस हरकत पर हर कोई हैरान हो गया था। बताया जा रहा है कि नरेश तीन सालों से CRPF के इस ट्रेनिंग सेंटर में तैनात था। उस इस दौरान कई छुट्टी नहीं मिली। इसलिए वह परेशान हो गया था और यह कदम उठा लिया। नरेश जाट पाली जिले के राजोला गांव का रहने वाला है। जवान को इतनी लंबी ड्यूटी के दौरान कोई छुट्टी न देने के लिए परिजन अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।