प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बुधवार को ऊर्जा विभा की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने लिग्नाइट के उपयोग की संभावना पर काम करने के निर्देश दिए। गहलोत ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश में लिग्नाइट की भरमार है। कोयले की कमी से जूझती राज्य सरकार बिजली उत्पादन के लिए कोयले पर निर्भरता कम करने के लिए नए विकल्प तलाशेगी।
उन्होंने लिग्नाइट को दीर्घकालिक समाधान के रूप में आंकने के साथ इसके पूर्ण उपयोग के लिए अधिकारियों को सर्वे करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से गिरल परियोजना का फीडबैक भी लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बिजली के वितरण के साथ-साथ उत्पादन और प्रसारण पर भी विशेष ध्यान दे रही है। पूरे राजस्थान में बिजली के नए ग्रिड, लाइनें तथा सब-स्टेशन विकसित कर इसके नेटवर्क को सुदृढ़ किया जा रहा है।
प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के साथ-साथ किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आगामी दो वर्षों में राज्य सरकार द्वारा कुल 4 लाख 88 हजार 625 नए व लम्बित कृषि कनेक्शन जारी किए जाएंगे। सरकार द्वारा मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना का भी आरंभ किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कुशल विद्युत प्रबंधन के कारण प्रदेश में भीषण गर्मी के बावजूद न्यूनतम विद्युत कटौती हुई, जिससे आमजन को राहत मिली।
प्रथम चरण में 2.31 लाख कृषि कनेक्शन का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को युद्धस्तर पर कृषि कनेक्शन जारी करने के साथ-साथ गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करने के निर्देश दिए। साथ ही सीएलआरसी ठेकेदारों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने में आ रही बाधाओं का जल्द निस्तारण करने के भी निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि प्रथम चरण (2022-23) के लिए 2 लाख 31 हजार 344 तथा द्वितीय चरण (2023-24) में 2 लाख 58 हजार 625 नए कृषि कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य रखा गया है। इस मौके पर ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।