जयपुर। भाजपा ने आमजन को राहत देने के लिए राज्य सरकार की ओर से लगाए जा रहे महंगाई राहत कैंप पर सवाल उठाए हैं। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को प्रदेश मुख्यालय में राहत शिविर पर निशाना साधा। राठौड़ ने राहत शिविर पर सवाल उठाते हुए पूछा कि महंगाई में राहत को शिविर की कहां जरूरत है? इसे प्रोपेगेंडा क्यों बनाया जा रहा है? राठौड़ ने कहा कि महंगाई राहत कैंप में रजिस्ट्रेशन के नाम पर भीड़ इकट्ठी करने की सरकार की योजना है।
केंद्र सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यान डीबीटी के जरिए जनता को लाभ दे रही है। अगर राज्य सरकार की मंशा ठीक होती तो घर बैठे डीबीटी स्कीम के जरिए भी योजना का लाभ दिया जा सकता था। राठौड़ ने कहा कि सरकार अपने अंतिम वर्ष और आचार संहिता से पहले महंगाई राहत कैंप लगाकर मुख्यमंत्री कार्ड बांटने का काम प्रारंभ कर सस्ती लोकप्रियता ले रही है।
महंगाई से त्रस्त प्रदेश की जनता
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि जिस जनघोषणा पत्र को सरकार का अधिकृत पत्र घोषित किया था, उस जनघोषणा पत्र में 2018 से पहले राजस्थान की जनता से वादा किया था कि कांग्रेस सरकार प्रदेश में महंगाई नियंत्रण के लिए आवश्यक और प्रभावी कदम उठाएंगी, लेकिन सरकार को साढे 4 वर्ष तक यह याद नहीं आया कि उन्होंने अपने घोषणापत्र में कहा था कि हम रसोई गैस की कीमत के नियंत्रण में प्रभावी काम करेंगे, लेकिन आज भी प्रदेश की जनता महंगाई से त्रस्त है। पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा वैट, सबसे ज्यादा मंडी टैक्स, सबसे महंगी बिजली अगर कहीं है तो वह राजस्थान में हैं। महंगाई का बूस्टर डोज इस सरकार ने दिया है।
जनता के पैसे से कांग्रेस का प्रचार
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाया कि जनता के पैसा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में बंटेगा और कांग्रेसी योजनाओं का प्रचार- प्रसार सरकारी खजाने से होगा। सांख्यिकी विभाग के राजीव गांधी युवा मित्र योजना के तहत 2000 युवा मित्रों को 17 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। 350 राजीव गांधी समन्वयक को 32 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय है। प्रदेश के 165 थानों में सरकार पैरा लीगल वॉलिटिंयर्स की नियुक्ति कर रही है। उन्हें 15000 रुपए का मानदेय भी दिया जाएगा।
सरकारी मशीनरी का होगा दुरुपयोग
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चुनावों की आचार संहिता लगने से पहले सरकार सरकारी मशीनरी दुरुपयोग कर रही है। एक शिविर में 150 कर्मचारी और अधिकारी बैठा रहे हैं। टीए-डीए का अतिरिक्त भार सरकारी खजाने पर आएगा। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल सर्वे में 67 परसेंट और इंडिया करप्शन सर्वे 2021 और ट्रेस रिश्वत मैट्रिक्स 2021 के सर्वे में प्रदेश के 78 फीसदी लोगों ने माना है कि उन्हें अपने काम करवाने के लिए सरकारी विभाग में रिश्वत देनी पड़ी हैं।
पहले हबीब अब कटारा ने किया कलंकित
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार को अपनों से ही राहत नहीं मिल रही। आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा ने कलंकित किया। ऐसे क्या कारण रहे कि एक सांख्यिकी अधिकारी, जो बीडीओ के पद पर रहते हुए भी विवादों में रहा। उसको अचानक सीएम ने आरपीएससी सदस्य बना दिया। पिछले कार्यकाल में ऐसे ही आरपीएससी के चेयरमैन हबीब खान के समय आरएएस का पेपर लीक हुआ, जिन्हें भी इसी सरकार ने आरपीएससी में भेजा था।