यह दुनिया कई सुंदर जगहों से अटी पड़ी है। घुमने का शौक रखने वाले लोगों के लिए ऐसे स्थानों की कोई कमी नहीं हैं जो हर बार कोई नया पर्यटन स्थान देखना चाहते हैं। अब बात चाहे दुनिया की अजुबों की ही कर लें.. इस दुनिया में कुल 7 अजूबे हैं। जो अलग-अलग देश में स्थित है। लेकिन साल 2007 में एक बार फिर सात नए अजूबों की सूची जारी की गई। जिसमें माचू-पुच्चू नामक स्थान का नाम भी शामिल किया गया। इस जगह का नाम शायद ही किसी भारतीय ने सुना होगा।
आखिर यह जगह कई समंदर पार जो बसी है। लेकिन स्थानीय लोग इस जगह के बारे में गहरा ज्ञान रखते हैं। अमेरिकी देश पेरू में बसी यह चोटी विश्व का एक अजूबा है। इस स्थान का इतिहास भी काफी पुराना है। इसकी उत्पत्ति कैसे हुई, कब इसका नाम सात अजूबों में जोड़ा गया तथा इस चोटी की ऊंचाई कितनी है, इसी को लेकर विस्तार से जानेंगे आज के कॉर्नर में…
इतिहास
इसका इतिहास इंका सभ्यता से जुड़ा हुआ है। लगभग छ: हजार साल पहले 1430 ईस्वी में इंकाओं ने इसका निर्माण किया था। लेकिन 1530 ईस्वी के आसपास स्पेनियों ने इंकाओं पर जीत हासिल कर ली थी। इसके बाद इंका शासक इस स्थान को छोड़कर चले गए। इसलिए सालों तक लोग इस जगह से अनजान रहे। इसके बाद हीरम नामक अमेरिकी इतिहासकार ने वर्ष 1911 में इस स्थान की खोज की। इसलिए दुनिया को माचू-पुच्चू नामक स्थान से परिचित कराने का श्रेय हीरम बिंघम को दिया जाता है।
इसके बाद यह जगह एक पर्यटन के रूप में उभर कर सामने आया। वर्ष 1981 में इसे पेरू के एक ऐतिहासिक मंदिर के रूप में घोषित किया गया। वर्ष 1983 में इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया। इस स्थान पर स्पेनियों द्वारा आक्रमण करने के बाद भी कुछ नहीं बिगड़ा, क्योंकि उन्होंने इसे प्राप्त करने के बाद भी नहीं लूटा था। इसलिए यह स्थान ज्यों का त्यों रहा।
माचू पुच्चू के बारे में
दक्षिण अमेरिका के पेरू देश में बसी माचू पुच्चू एक चोटी है। इस चोटी का निर्माण कोलम्बस के जन्म से भी पहले हुआ था। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 2430 मीटर है। इसकी उरुबाम्बा घाटी से उरुबाम्बा नदी बहती है। इसके ऊपर एक पहाड़ स्थित है। यह स्थान कुज़्को शहर से 80 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम दिशा में स्थित है। जो कि इंका साम्राज्य की ऐतिहासिक राजधानी है। इसे ‘इंकाओं का खोया शहर’ के नाम से भी जाना जाता है। माचू पिच्चू इंका साम्राज्य के सबसे परिचित प्रतीकों में से एक है। 7 जुलाई 2007 को इसे विश्व के सात नए आश्चर्यों में शामिल किया गया था।
विश्व के सात नए अजूबे
7 जुलाई 2007 को दुनिया के सात नए अजूबे घोषित किए गए थे, जिन्हें सेवन वंडर्स भी कहा जाता है। ये सात नए अजूबे- चीन की दीवार, ताजमहल, कोलोज़ीयम, माचू पुच्चू, क्राइस्ट रिडीमर, चिचेन इत्जा तथा पेट्रा हैं। सबसे पहले 7 अजूबे चुनने का विचार 2200 वर्ष पूर्व हेरोडोटस और कल्लिमचुस नामक व्यक्तियों को आया था। दोनों ने मिलकर कुछ अजूबो की सूची तैयार की थी। जिनमें से अव्वल 7 को दुनिया के सात अजूबे माना गया।
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