जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की तारीख में कुछ महीने बाकी हैं। इसके लिए कांग्रेस सरकार ने कमर कस ली है। आज से ही विधायकों के साथ वन टू वन संवाद कार्यक्रम शुरू हो गया है,जिसमें विधायकों से उनके क्षेत्र में हुए कार्यों और राजनीतिक स्थिति का फीडबैक लिया जा रहा है। इससे सरकार अपनी मजबूती और कमजोरी का आंकलन कर रही है।
इन विधायकों से लिया गया फीडबैक
आज इसके तहत कार्यक्रम में अजमेर, टोंक, नागौर, भीलवाड़ा, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर जिलों के विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों को बुलाया गया। इस वन-टू-वन संवाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा शामिल हैं। ये तीनों नेता विधायकों से वन-टू-वन बातचीत कर रहे हैं। जिसके तहत आज रामलाल जाट, रघु शर्मा, राकेश पारीक, सुरेश टांक, हरीश मीणा से संवाद किया और उनसे उपयोगी सुझाव लिए।
इसके अलावा महेंद्र चौधरी, मंजू मेघवाल, गायत्री देवी त्रिवेदी, चेतन डूडी, प्रशांत बैरवा, मुकेश भाकर, विजयपाल मिर्धा, रामनिवास गावड़िया से भी वन-टू-वन डायलॉग हुआ। हेमाराम चौधरी, जनाब अमीन खान और सुखराम बिश्नोई भी इस वन-टू-वन डायलॉग में शामिल हुए। उन्होंने सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को हर गांव-ढाणी तक पहुंचाने को लेकर सुझाव दिया। साथ ही सरकार के कामकाज का विधानसभा क्षेत्र से फीडबैक भी दिया।
जानकारी है कि वन-टू-वन डायलॉग के लिए आने वाले विधायकों को एक फॉर्म दिया जा रहा है। जिसमें कुल मिलाकर 13 सवाल मौजूद हैं। इन फॉर्म्स को उन विधायकों को भरकर गहलोत रंधावा और डोटासरा को सौंपना होता है। जिसके बाद आगे चर्चा शुरू होती है।
फॉर्म में ये प्रश्न हैं
1- जातिगत धार्मिक समीकरण
2- क्षेत्र में अपनी स्थिति, 10 में से कितने नंबर
3- क्षेत्र में सबसे अधिक प्रभाव किन पांच योजनाओं का
4- ERCP का मुद्दा, उसके लिए विधायक ने क्या किया
5- विधायक की इस सीट पर कोई तीसरा फोर्स भी… उसकी स्थिति क्या है
6- एंटी इनकंबेंसी को रोकने के लिए क्या प्लान है
7- सोशल मीडिया पर अकाउंट की स्थिति क्या है
8- सोशल मीडिया खुद चलाते हैं या अगर एडमिन है तो उसका नाम और फोन नंबर
9- महंगाई राहत कैंप को सफल बनाने के लिए क्या सुझाव, क्या तैयारी है
10- सरकार के प्रति जनता में एंटी इनकंबेंसी कितनी है, कम करने के लिए क्या सुझाव
11- चुनाव को लेकर जनता का क्या मूड भांपते हैं
12- नए जिलों के संबंध में क्या राय है
13- कोई विशेष राय तो विधायक से लेते हैं
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस की फ्लैगशिप योजनाओं के बूते ही साल 2023 के चुनाव में एक मजबूत चेहरा लेकर जनता के बीच में जा रहे हैं। उन्होंने 2023 का नहीं बल्कि 2030 का विजन रखा है। 2030 के मिशन को लेकर ही चुनाव की तैयारी की जा रही है।